चेन्नई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मद्रास हाइकोर्ट के 2011 के फैसले में दखअंदाजी करने से इनकार कर दिया है। इस मामले में सीबीआई ने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता और दो अन्य नेताओं को 2 करोड़ रुपए के गिफ्ट लेने का आरोपी बताया था। सीबीआई ने इस मामले में मद्रास हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उच्च न्यायालय के फैसले में दखअंदाजी करने से इनकार कर दिया है।
सीबीआई ने मुख्यमंत्री जयलिलता समेत दो अन्य नेताओं को 2 करोड़ रुपए के बेहिसाब उपहार मिलने का आरोपी बताया था। इसके बाद मामला मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत ने 2011 में तीनों को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद 2012 में सीबीआई ने मद्रास हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसके बाद कोर्ट की तरफ से तीनों नेताओं को नोटिस भी जारी किया गया।
अब मामले की सुनवाई कर रही न्यायाधीश आर बानुमती की बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि याचिका दायर करने में देरी की गई है ऐसे में हाइकोर्ट के फैसले में दखलअंदाजी का मतलब नहीं बनता है। बता दें कि और इस मामले के दो आरोपियों जयललिता और अजहगु थिरुनावुक्कारसु (Azhagu Thirunavukkarasu)की मृत्यू हो चुकी है हालांकि मामले के तीसरे आरोपी के ए सेनगोट्टैयन (K A Sengottaiyan)वर्तमान की AIADMK सरकार में शिक्षा मंत्री हैं।
बता दें कि यह मामले 1991 का है, जब जयललिता समेत तीन नेताओं पर 2 करोड़ रुपए के बेहिसाब उपहार पाने का आरोप था।
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Editor- Majid Siddique