मुंबई
मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन की आंच मुंबई तक पहुंच गई है। बुधवार को मुंबई में बंद के दौरान ठाणे से हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। ठाणे के वेगल एस्टेट इलाके में नगर परिवगहन की एक बस पर तोड़फोड़ की गई। वहीं गोखले रोड खुली दुकानों के जबरन शटर गिरा दिए गए। इसके अलावा मजीवाड़ा पुल पर टायर जलाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं, जबकि मराठा क्रांति मोर्चा शांतिपूर्ण प्रदर्शन की बात कर रहा है। इस बीच मंगलवार को जहर खाने वाले किसान प्रदर्शनकारी की अस्पताल में मौत हो गई है। आंदोलन के चलते पुलिस कॉन्स्टेबल समेत अब तक 3 लोगों की जानें जा चुकी हैं। उधर, मराठा आरक्षण आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही हैं। ठाणे के गोखले रोड स्थित कुछ खुली दुकानें देखकर मराठा क्रांति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जबरन शटर गिरा दिए। जबकि एक दूसरी तस्वीर में अन्य कार्यकर्ता हाथ जोड़कर दुकानें बंद करने का निवेदन कर रहे है। एक कार्यकर्ता ने कहा, 'हम कोई सड़क ब्लॉक नहीं कर रहे हैं। हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने अपने कार्यकर्ताओं को बता दिया है कि हमारे प्रदर्शन की वजह से पुलिस और सरकार को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। हम लोगों ने अपनी दुकानें बंद करने का आग्रह कर रहे हैं।'
ठाणे में ही प्रदर्शनकारियों ने लोकल ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया। लातुर जिले के एक इलाके में जबरन दुकान का शटर और सब्जी का ठेला गिराए जाने पर दो गुटों के बीच झड़प हो गई। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर स्थिति संभाली। बता दें कि मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगड में बंद का ऐलान किया गया है। इससे पहले मंगलवार को आंदोलन के दौरान 5 लोगों ने जान देने की कोशिश की थी जिसमें से एक की आज मौत हो गई। वहीं एक कॉन्स्टेबल की ऑन ड्यूटी हृदय गति रुकने से मौत हो गई। 5 लोगों ने जान देने की कोशिश की
देवगांव रंगरी निवासी एक किसान जगन्नाथ सोनावणे (50) ने औरंगाबाद ग्रामीण इलाके में जहर पिया था। वह सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण के आंदोलन का हिस्सा थे। उनका खेत उस पुल के बगल में स्थित था जहां आंदोलन चल रहा था। एक दूसरे किसान जयेंद्र सोनवणे (28) ने शिवना नदी के पास स्थित कुएं में कूदकर जान देने की कोशिश की। उनके दोनों पैर में कई फ्रैक्चर हो गए हैं। बीड में अपनी मांगों के साथ तहसीलदार के पास पहुंचे शिष्टमंडल के दो सदस्यों ने छत से कूदकर आत्महत्या का प्रयास किया। हालांकि पुलिस ने उन्हें रोकने में कामयाब रही। वहीं लातूर के शिवाजी चौक पर एक मराठा युवक ने खुद पर पेट्रोल छिड़क जान देने की कोशिश की। बंद में मेडिकल कॉलेज ऐंबुलेंस शामिल नहीं
मराठा क्रांति मोर्चा समन्वय समिति द्वारा बुलाए गए बंद का असर मुंबई में देखने को मिल रहा है। सड़कें पूरी तरह खाली हैं, ऑटोरिक्शा भी नहीं चल रहे हैं।मंगलवार दादर के राजर्षि शाहू सभागृह में मराठा क्रांति मोर्चे की बैठक में फैसला किया गया कि बंद में स्कूल-कॉलेजों, मेडिकल स्टोर, ऐंबुलेंस और मूलभूत सुविधाओं को शामिल नहीं किया गया है।
बंद के दौरान किसी प्रकार की हिंसा या तोड़फोड़ नहीं होगी। बता दें कि सोमवार को प्रदर्शन के दौरान नदी में कूदकर एक शख्स की खुदकुशी के विरोध में मंगलवार को महाराष्ट्र बंद बुलाया गया। नवी मुंबई और पनवेल में सब्जी और फल बाजार को छोड़कर बाकी सभी प्याज, आलू, मसाला और अनाज मंडी आदि बंद रखे जाएंगे। मोर्चे ने बंद के लिए जनता से समर्थन मांगा है।
स्कूल-कॉलेजों पर भ्रम
मराठा आंदोलन के कारण बुधवार को मुंबई में स्कूल और कॉलेज बंद होने पर स्थिति साफ नहीं हुई है। शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा कि मराठा समाज ने बुधवार को बंद का आह्वान किया है। स्कूल और कॉलेजों को बंद रखने के लिए स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन निर्णय लेंगे।
पुलिस हाई अलर्ट पर
बुधवार के बंद को लेकर मुंबई पुलिस हाई अलर्ट पर है। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता दीपक देवराज ने कहा कि सभी पुलिस स्टेशनों के कर्मियों को बुधवार को सड़क पर रहने को कहा गया है। पुलिस की स्पेशल ब्रांच के लोग अपने स्तर पर खुफिया जानकारी जुटा रहे हैं।
महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में शामिल शिवसेना ने मराठा आरक्षण का समर्थन किया है। मंगलवार को मंत्रालय में उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि मराठा आरक्षण में बहुत देरी हो चुकी है। अदालत के फैसले को ध्यान में रखना होगा। जिन लोगों ने आरक्षण का वादा किया था, उन्हें मामले को हल करने के लिए सामने आना चाहिए। कॉन्स्टेबल की मौत
इससे पहले मंगलवार को मराठा आंदोलनकारियों के बंद के दौरान औरंगाबाद और नांदेड में कुछ जगहों पर हिंसा हुई। सड़क पर टायर जलाकर रास्ते रोके गए। कुछ जगहों पर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। कई जगहों पर स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई थी। औरंगाबाद में पुलिस बंदोबस्त के दौरान कॉन्स्टेबल लक्ष्मण पाटगांवकर की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। एक पुलिसकर्मी के घायल होने की खबर भी आई है। मंगलवार को दो और युवकों ने नदी में कूदकर जान देने की कोशिश की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने विरोध में अपने सिर मुंडवा लिए।