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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दायर की, खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रखने का है मामला

 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार, 24 मार्च को कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और कई अन्य खालिस्तान समर्थक आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध रखने के मामले में चार्जशीट दायर की।

एनआईए की चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ के अलावा 12 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।

एनआईए ने सभी 14 आरोपियों पर आतंक फैलाने और जाने-माने सामाजिक और धार्मिक नेताओं, फिल्मी सितारों, गायकों और व्यापारियों की लक्षित हत्याओं को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।

एनआईए की जांच से पता चला है कि पाकिस्तानी आतंकियों के संपर्क में होने के अलावा आरोपी कनाडा, नेपाल और अन्य देशों में स्थित खालिस्तान समर्थक तत्वों के संपर्क में भी थे। इस गैंग का सरगना लॉरेंस बिश्नोई 2015 से ही हिरासत में है। बिश्नोई जेल में रहते हुए ही कनाडा में रहने वाले गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर विभिन्न राज्यों में अपने आतंकी-अपराध सिंडिकेट का संचालन कर रहा है।

मोहाली में पंजाब राज्य खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमले के मामले में आरोपियों को संसाधन भी बिश्नोई गैंग ने ही मुहैया कराया था। एनआईए की जांच से सामने आया है कि इस हमले को पाकिस्तान स्थित बीकेआई आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ ​​रिंडा के निर्देश पर अंजाम दिया गया था। एनआईए ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि गोल्डी बराड़ का संबंध लखबीर सिंह उर्फ ​​लांडा से था जो कि रिंडा के साथ मिलकर काम करने वाला एक अन्य बीकेआई ऑपरेटिव है। लखबीर सिंह उर्फ ​​लांडा मोहाली आरपीजी हमले के साथ-साथ दिसंबर 2022 में पंजाब के तरनतारन में सिरहाली पुलिस स्टेशन पर आरपीजी हमले का भी आरोपी है।

एनआईए ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, चंडीगढ़ और दिल्ली में 74 स्थानों पर छापेमारी कर भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए। इसमें नौ अवैध और परिष्कृत हथियार, 14 मैगजीन, 298 राउंड गोला बारूद और 183 डिजिटल उपकरण शामिल हैं।


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