नई दिल्लीः केंद्र ने जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों में बांटे जाने पर उनके बीच परिसंपत्तियों एवं देनदारियों के बंटवारे पर गौर करने के लिए तीन सदस्यीय एक समिति गठित की है। ये दोनों केंद्रशासित क्षेत्र 31 अक्टूबर को अस्तित्व में आ जायेंगे। पूर्व रक्षा सचिव संजय मित्रा समिति के अध्यक्ष होंगे जबकि सेवानिवृत आईएएस अधिकारी अरूण गोयल और भारतीय सिविल लेखा सेवा के सेवानिवृत अधिकारी गिरिराज प्रसाद गुप्ता उसके अन्य दो सदस्य होंगे।
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 84 और धारा 85 के तहत प्रदत्त अधिकारों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार एतद द्वारा परामर्श समिति गठित करती है।'' इस अधिनियम की धारा 84 के अनुसार जम्मू कश्मीर राज्य की पंरसंपत्तियां और देनदारियां जम्मू कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों के बीच बांटी जानी है।
पांच अगस्त को केंद्र ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर को प्राप्त विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था। अधिसूचना के अनुसार वर्तमान जम्मू कश्मीर राज्य की परिसंपत्तियों और देनदारियों का बंटवारा केंद्र द्वारा गठित समिति की सिफारिश के आधार पर होगा।
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 85 के अनुसार केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर राज्य के लिए गठित कंपनियों और निगमों की संपत्तियों, अधिकारों और देनदारियों का दो केंद्रशासित प्रदेशों के बीच बंटवारे के लिए एक या एकाधिक परामर्श समितियां बना सकती हैं।
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Editor- MAjid Siddique