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कश्मीर को लेकर बेबुनियादी और भड़काऊ खबरें प्रकाशित करने से विदेशी मीडिया बाज नहीं आ रहा

नई दिल्ली। सरकार के इन्कार के बावजूद विदेशी मीडिया अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा और जम्मू-कश्मीर को लेकर बेबुनियादी और भड़काऊ खबरें प्रकाशित कर रहा है। विरोध प्रदर्शन को लेकर फर्जी फोटो छापे जा रहे हैं।

अमेरिकी समाचारपत्र न्यूयॉर्क टाइम्स ने जम्मू-कश्मीर में बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित किया है, जिसमें राज्य के हालात को 'साक्षात नरक' के समान बताया गया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ ही वाशिंगटन पोस्ट ने शनिवार को भी जम्मू-कश्मीर में विरोध प्रदर्शन और पथराव के फर्जी फोटो के साथ झूठी खबरें छापी थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शनिवार को कश्मीरियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के एक दिन बाद कश्मीर शेष विश्व से कट गया है। लोगों में गुस्सा और दहशत व्याप्त है। शहर बंद है। दुकानें बंद हैं और एटीएम में पैसे खत्म हो गए हैं। इंटरनेट, मोबाइल और यहां तक कि लैंडलाइन फोन भी काम नहीं कर रहे हैं। लाखों लोगों का संवाद टूट गया है।

इससे पहले बीबीसी ने भी विरोध प्रदर्शन को लेकर फर्जी फोटो दिया था। बीबीसी उर्दू ने भी फर्जी वीडियो जारी किया है, जिसमें सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागते हुए दिखाया गया है। भारत सरकार ने खबरों का खंडन किया था।

वहीं, अमेरिकी दैनिक 'वाल स्ट्रीट जर्नल' ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए खबर प्रकाशित किया है। अखबार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर पर भारत सरकार के फैसले के बाद पाकिस्तान असमंजस में फंस गया है कि वह जेहादियों का क्या करे।

Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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