नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली सब्सिडी का फायदा अब प्राइवेट वाहन खरीदारों को नहीं होगा, बल्कि कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों को मिलेगा। सरकार ने साफ कहा कि इसका लाभ निजी या प्राइवेट तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों को मिलेगा। दिल्ली में भारत-यूके इलेक्ट्रिक मोबिलिटी फोरम-2019 में केंद्रीय हेवी इंडस्ट्रीज एंज पब्लिक एंटरप्राइजेज राज्य मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल ने साफ कहा कि सरकार का इरादा फिलहाल कमर्शियल इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है और केवल इन वाहनों के मालिकों को ही इंसेंटिव का फायदा दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि चाहे बाइक हो, कार हो, ट्रक हो, बस हो या ई-रिक्शा, सरकार का अनुमान है कि इन सभी सेगमेंट में देश इलेक्ट्रिक वाहन अपनाएगा। पेरिस संधि के तहत कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए यह बदलाव जरूरी है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरत पर जोर देते हुए मेघवाल ने कहा, "आने वाली पीढ़ियों को साफ पर्यावरण मुहैया कराने का यह एकमात्र जरिया यही है। बड़े और स्मार्ट शहरों में वाहनों को चार्ज करने की सुविधा मुहैया कराने के लिए निकायों से प्रस्ताव मंगवाए गए हैं। 2011 की जनगणना के आधार पर 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के उद्देश्य से प्रस्ताव मंगवाए गए हैं। शुरुआत में इसके जरिए एक हजार चार्जिंग स्टेशन तैयार करने का लक्ष्य है।"
सरकार की इलेक्ट्रिक हाइवे बनाने की योजना
मेघवाल ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक हाईवे भी बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, 'हम इस बारे में काम कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने से न केवल वायु प्रदूषण कम होगा, बल्कि आयात खर्च में भी कमी आएगी।
2030 से देशभर में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की होगी बिक्री
केंद्र सरकार वर्ष 2030 से देस में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहनों की ही बिक्री के लिए जोर दे रही है। इसके लिए सरकार रोडमैट तैयार कर रही है। यानी अब पूरे देश में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग के साथ चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जाएगा। सरकार के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेंशन लगाए जाएंगे।
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Editor- Majid Siddique