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विधानसभा सत्र शुरू, सुप्रीम कोर्ट ने दिए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश

बेंगलुरु। Karnataka political Crisis सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक संकट के सिलसिले में दाखिल तीन याचिकाओं पर शुक्रवार को एक साथ सुनवाई की। अदालत ने सभी याचिकाओं पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए। साथ ही कर्नाटक विधानसभा अध्‍यक्ष को बागी विधायकों के इस्‍तीफों पर फैसला लेने के लिए मंगलवार तक की मोहलत दे दी। शीर्ष अदालत अब मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगी। अदालत के आदेश से साफ है कि विधानसभा स्पीकर न तो बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेंगे और ना ही उन्‍हें अयोग्‍य करार दे पाएंगे। पहली याचिका 10 बागी विधायकों की ओर से, दूसरी कर्नाटक विधानसभा अध्‍यक्ष की ओर से जबकि तीसरी यूथ कांग्रेस के नेता और वकील अनिल चाको जोसेफ की ओर से डाली गई है। 

Mala Dixit@mdixitjagran
 

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 10 बाग़ी कांग्रेस और जेडीएस विधायकों के बारे मे यथास्थिति क़ायम रखने का आदेश दिया। कोर्ट मामले पर मंगलवार को फिर सुनवाई करेगा। इस बीच विधायकों की अयोग्यता और इस्तीफ़े पर नही होगा कोई फैसला।@JagranNews

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सीजेआई ने दागे तल्‍ख सवाल, क्‍या चुनौती दे रहे स्‍पीकर 

सुनवाई के दौरान सर्वोच्‍च अदालत ने कुछ तल्‍ख सवाल भी पूछे। मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने विधानसभा अध्‍यक्ष की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्‍या स्‍पीकर के पास सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी चुनौती देने की शक्ति है। दरअसल, विधानसभा अध्‍यक्ष की ओर से इस्तीफों पर फैसले लेने के लिए और ज्यादा वक्त दिए जाने की मांग करते हुए सिंघवी ने कहा कि इस्तीफा देने वाले विधायकों का इरादा कुछ अलग है, यह अयोग्यता से बचने के लिए है। उन्‍होंने कहा कि विधानसभा अध्‍यक्ष जबतक संतुष्ट नहीं होंगे कि इस्तीफे बिना किसी दबाव के विधायकों की मर्जी से दिए गए हैं तब तक वह फैसला नहीं ले सकते हैं। इस दलील के पक्ष में उन्‍होंने आर्टिकल 190 का भी हवाला दिया। 

रोहतगी की दलील जानबूझकर देरी कर रहे स्‍पीकर 
बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा अध्‍यक्ष जानबूझकर इस्‍तीफों पर फैसला लेने में देरी कर रहे हैं। कुछ खास परिस्थितियों को छोड़ दें तो विधानसभा अध्‍यक्ष सुप्रीम कोर्ट के प्रति जवाबदेह हैं। उन्‍हें कुछ ही मामलों में छूट हासिल है। जहां तक विधायकों के इस्‍तीफे का सवाल है कि तो इस मामले में उन्‍हें किसी तरह छूट नहीं है। बागी विधायकों की ओर से अदालत से यह मांग की गई कि वह विधानसभा अध्‍यक्ष को निर्देश दे कि उनके इस्तीफे स्वीकार किए जाएं। 

ANI@ANI
 

Karnataka CM HD Kumaraswamy in Vidhana Soudha in Bengaluru: After all these developments, I am seeking your permission & time to prove the majority in this session.

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बहुमत साबित करने के लिए कुमारस्‍वामी ने मांगा वक्‍त 

इस बीच कर्नाटक विधानसभा का सत्र भी शुरू हो गया है। कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी (Karnataka CM HD Kumaraswamy) ने विधानसभा में शुक्रवार को स्‍पीकर से कहा कि हालिया घटनाक्रम को देखते हुए वह इस सत्र में बहुमत साबित करने के लिए अनुमति और समय मांग रहे हैं। गुरुवार को सीएम कुमारस्‍वामी ने कहा था कि उनकी सरकार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव का बहादुरी और एकजुटता से सामना करने के लिए तैयार है। इस बीच, बेंगलुरु में विधानसभा के आसपास दो किलोमीटर के दायरे में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। खुफिया जानकारी के आधार पर बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर ने बुधवार रात इस आशय के आदेश जारी किए।  

अभी दो और दिन और मुंबई में ही रुकेंगे बागी विधायक 
सुप्रीम के आदेश के बाद कर्नाटक के बागी विधायक गुरुवार को विधानसभा के अध्यक्ष केआर रमेश कुमार (Karnataka Speaker KR Ramesh Kumar) के समक्ष पेश हुए। रमेश कुमार ने बताया कि जिन विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में नहीं थे, वे अब सही प्रारूप में प्राप्त हो गए हैं। वह परखेंगे कि इस्तीफे स्वेच्छा से दिए गए हैं और प्रामाणिक हैं या नहीं। बेंगलुरु में स्पीकर से मुलाकात के बाद 14 बागी विधायक गुरुवार शाम को मुंबई लौट गए। मुंबई में एक स्थानीय भाजपा नेता ने बताया कि ये विधायक अभी दो और दिन मुंबई में ही रुकेंगे। सुप्रीम कोर्ट आज फिर मामले की सुनवाई करेगा। 

स्पीकर बोले, बिजली की गति से नहीं करूंगा काम 
इससे पहले विधानसभा अध्‍यक्ष ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करते हुए तत्काल फैसला लेने से इनकार कर दिया था। उन्‍होंने कहा था कि उनसे यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि वह बिजली की गति से काम करेंगे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 10 बागी विधायकों को शाम 6 बजे तक स्पीकर के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। इसके बाद कर्नाटक के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार के समक्ष पेश हुए थे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कहा गया कि जिन विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में नहीं थे, वे अब सही प्रारूप में प्राप्त हो गए हैं। 

महेश और भाजपा नेताओं की मुलाकात से अटकलें 
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नजदीकी माने जाने वाले पर्यटन मंत्री और जदएस नेता सा रा महेश की भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव व वरिष्ठ पार्टी नेता केएस ईश्वरप्पा की मुलाकात से गुरुवार को चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। गवर्नमेंट गेस्ट हाउस में हुई उनकी इस मुलाकात की खबर स्पीकर से बागी नेताओं की मुलाकात के तुरंत बाद सामने आई। मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने इसे अचानक हुई मुलाकात करार दिया। उन्होंने कहा कि अस्थिर करने की कोशिशों के बावजूद कांग्रेस-जदएस गठबंधन और मजबूत हो रहा है। महेश ने भी कहा कि भाजपा नेताओं के गेस्ट हाउस में होने की वजह से अचानक मुलाकात हो गई और उनसे संसदीय क्षेत्र से जुड़े मसले पर संक्षिप्त बातचीत हुई। 

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Editor- Majid Siddique


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