बेंगलुरू। कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस गठबंधन की सरकार बचाने के लिए दोनों ही दलों पूरी ताकत झोंक दी है। राज्य के मंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) और जेडीएस के विधायक शिवलिंगे गौड़ा (Shivalinge Gowda) बागी विधायकों को मनाने मुंबई के होटल पहुंचे जहां पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बागी विधायकों ने पुलिस को पत्र लिखकर खुद को खतरा बताया है। इस बीच, मुंबई के होटल ने आपात स्थितियों का हवाला देते हुए डीके शिवकुमार की बुकिंग रद कर दी है।
दूसरी ओर बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर इस्तीफे स्वीकार करने में देरी का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष पर सांविधानिक कर्तव्यों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट कल मामले की सुनवाई करेगा। बता दें कि कल विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा था कि 13 विधायकों में से आठ विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप के मुताबिक नहीं हैं।
कांग्रेस नेता एवं राज्य के मंत्री डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) जब मुंबई में बागी विधायकों से मिलने पहुंचे तो पुलिस उन्हें होटल के गेट से दूर लेकर गई। उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है। यहां कोई दोस्त और कोई दुश्मन नहीं हैं। कोई भी कभी बदल सकता है। मैं उनसे (बागी विधायकों) से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं। मुझे बुलाया जाएगा। उनका दिल अपने दोस्त से मिलने के लिए धड़क रहा है। उन्होंने कहा कि मैंने यहां एक कमरा बुक किया है। मेरे मित्र यहां रुके हुए हैं। एक छोटी सी समस्या है और हमें इस पर बातचीत करनी है। हम तुरंत अलग नहीं हो सकते हैं। वैसे भी धमकी देने का कोई सवाल नहीं है, हम एक दूसरे से प्यार करते हैं और सम्मान करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं अपने नाराज साथियों से मिले बिना नहीं जाऊंगा।
येदियुरप्पा देंगे धरना
मुंबई पुलिस ने बताया, कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार को बस उस होटल के अंदर नहीं जाने दिया जाएगा जहां कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायक ठहरे हैं। उनको होटल के गेट से पहले नहीं रोका जाएगा। इस बीच, भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि हमने विधानसभा के सामने धरना प्रदर्शन करने का फैसला किया है। हम विधानसभा अध्यक्ष और गवर्नर से भी मिलेंगे। मंगलवार को कांग्रेस के निलंबित विधायक आर. रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया। इस तरह बागी कांग्रेस विधायकों की संख्या 11 और गठबंधन के कुल असंतुष्ट विधायकों की संख्या 14 हो गई है। दो निर्दलीय विधायक मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर पहले ही भाजपा खेमे में शामिल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार का भविष्य अब पूरी तरह विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर टिका है।
इस्तीफों पर फंसा पेच
विधासभा अध्यक्ष ने बताया कि रोशन बेग का इस्तीफा मंगलवार को ही दाखिल किया गया है इसलिए उन्होंने अभी उसकी स्क्रूटनी नहीं की है। उन्होंने कहा कि जिन पांच विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप के मुताबिक हैं उनमें से तीन को उन्होंने 12 जुलाई को निजी सुनवाई के लिए तलब किया है। 13 और 14 जुलाई को अवकाश है इसलिए बाकी दो विधायकों को उन्होंने निजी सुनवाई के लिए 15 जुलाई को बुलाया है। उन्होंने कहा कि वह संबंधित नियम देखेंगे और घटनाक्रमों पर वरिष्ठों से विचार-विमर्श करेंगे, उसके बाद ही फैसला करेंगे कि इस्तीफे स्वीकार किए जा सकते हैं या अलग तरह की कार्रवाई की जरूरत है। बता दें कि विधानसभा का सत्र 12 जुलाई से शुरू हो रहा है।
विधानसभा में दलीय स्थिति
कुल सीटें- 224
कांग्रेस- 78
जदएस- 37
बसपा- 01
निर्दलीय- 02
भाजपा - 105
(स्पीकर अतिरिक्त)
आजाद और हरिप्रसाद भी संकट सुलझाने में जुटे
मतभेद सुलझाने के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपने वरिष्ठ नेताओं गुलाम नबी आजाद और बीके हरिप्रसाद को आनन-फानन में दिल्ली से बेंगलुरु रवाना कर दिया। सूत्रों ने बताया कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इन नेताओं से कहा है कि वे कर्नाटक संकट सुलझाएं और राज्य में अपनी सरकार बचाएं। इस बीच, भाजपा की कर्नाटक इकाई बुधवार को गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देकर मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के इस्तीफे की मांग करेगी।
कर्नाटक की आंच संसद तक
कर्नाटक में अपने विधायकों के विद्रोह को लेकर संकट में फंसी कांग्रेस ने भाजपा को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा किया जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। हालांकि लोकसभा में भाजपा के उपनेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे कांग्रेस की अंदरूनी कलह करार दिया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर लोकसभा से वॉकआउट किया।लोकसभा में शून्यकाल शुरू होते ही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कर्नाटक का मुद्दा उठाने की कोशिश की, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इसकी इजाजत नहीं दी। इस पर कांग्रेस सदस्यों के साथ द्रमुक के सांसद वेल में चले गए और हंगामा किया।
Hind Brigade
Editor- Majid Siddique