देश भर की जेलों में वर्ष 2017 से 2021 के बीच बंद विचाराधीन कैदियों की कुल संख्या साढ़े 17.64 लाख से अधिक है और इनमें सर्वाधिक कैदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं। हालांकि सरकार के पास यह आंकड़ें नहीं है कि इस अवधि में कितने विचाराधीन कैदियों की हिरासत में मृत्यु हुई है।
देश भर की जेलों में वर्ष 2017 से 2021 के बीच बंद विचाराधीन कैदियों की कुल संख्या साढ़े 17.64 लाख से अधिक है और इनमें सर्वाधिक कैदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बुधवार को बताया कि वर्ष 2017 से लेकर 31 दिसंबर 2021 की स्थिति के अनुसार देश भर में विचाराधीन कैदियों की कुल संख्या 17,64,788 है।
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में विचाराधीन कैदियों की संख्या 3,08,718, वर्ष 2018 में 3,24,141, वर्ष 2019 में 3,32,916, वर्ष 2020 में 3,71,848 और वर्ष 2021 में 4,27,165 थी।
कांग्रेस के सैयद नासिर हुसैन और अमी याज्ञिक की ओर से इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उसे सूचित किए गए कारागार संबंधी आंकड़ों को संकलित करता है और इन्हें अपने प्रकाशन ‘‘प्रिजन स्टेटिसटिक्स इंडिया’’ में प्रकाशित करता है।
उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2021 की है।
गृह राज्यमंत्री ने बताया कि कुल विधाराधीन कैदियों में 3,66,353 कैदी अनुसूचित जाति, 1,85,080 अनुसूचित जनजाति, 5,98,043 ओबीसी और 5,02,934 अन्य जातियों से हैं।