महाराष्ट्र : महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते हुए भयानक संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने 15 दिनों का मिनी लॉकडाउन लगाया हुआ है. लेकिन इस लॉककडाउन में भी आम नागरिकों की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कई चीजों को खुली रखने की छूट दी गई है. उनमें से एक किराना की दुकानें हैं. इस छूट का फायदा उठाते हुए किराना दुकानों पर बड़े पैमाने पर भीड़ दिखाई दे रही है. इसलिए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए तय किया है कि अब से किराना दुकानें सिर्फ 4 घंटे ही खुला रहेंगी. यानी इन्हें सुबह 7 बजे से 11 बजे तक ही खोला जा सकेगा.
कोरोना संक्रमण की बढ़ती संख्या और ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए उपमुख्यमंत्री ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अधिकाधिक अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट तत्काल तैयार किए जाएं. दो से तीन हफ्तों में तैयार हो सकने वाले प्लांट की खरीद प्रक्रिया संबंधित जिलाधिकारी और महापालिका आयुक्तों द्वारा तुरंत शुरू की जाए. पेपर, पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर, रिफाइनरी कंपनियों से अधिकाधिक ऑक्सीजन प्राप्त करने की कोशिशें तेज की जाएं. अनेक उद्योगों में ऑक्सीजन का उत्पादन बंद पड़ा हुआ है, उनकी खोज करवा कर उन्हें तुरंत शुरू किया जाए. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने खास तौर से सचिव स्तर के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों और उपाय योजनाओं को अमल में लाने के लिए सचिव जिला प्रशासन और मंत्रालय की ओर से जिम्मेदारी निभाएं.
राज्य के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने, ऑक्सीजन भंडार पर्याप्त रखने, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की मुश्किलें दूर करने के लिए उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, वैद्यकीय शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री डॉ. राजेन्द्र शिंगने और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को हुई बैठक में राज्य के अस्पतालों में उपलब्ध बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की उपलब्धता का जायजा लिया. बैठक में इस बात का डर जताया गया कि महाराष्ट्र के अलावा अब कोरोना अन्य राज्यों में भी काफी तेजी से फैल रहा है. अगर यही हाल रहा तो अन्य राज्यों को भी ऑक्सीजन की जरूरत होगी इसलिए वहां से ऑक्सीजन मंगवाना मुश्किल हो जाएगा. इसलिए कोशिश की जाए कि राज्य में ही ऑक्सीजन का उत्पादन कम ना पड़े और इसके लिए तुरंत कदम उठाए जाएं. कोल्हापुर और ठाणे के जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं. मुंबई महापालिका ने भी ऐसे प्लांट बनाने के संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी है. इन तीनों जगहों में पहले किए गए करारों को आधार मानते हुए खरीद प्रक्रिया पूरी की गई. इससे टेंडर निकालने जैसे कामों में समय खर्च नहीं करना पड़ा.
बैठक में यह बताया गया कि राज्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू है. देश के प्रमुख सात रेमडेसिविर निर्माता कंपनियों से इनकी खरीद के लिए चर्चाएं शुरू हैं. इस संदर्भ में केंद्र सरकार से भी विनती की गई है. रेमडेसिविर निर्माता कंपनियों के उत्पादन को बढ़ाने की कोशिशों में भी सहयोग किया जा रहा है. बैठक में यह विश्वास व्यक्त किया गया कि जल्दी ही राज्य को जरूरत के हिसाब से रेमडेसिविर उपलब्ध होगा. पुणे के ससून अस्पताल में कोविड रोगियों के लिए बेड बढ़ाए जाएंगे. इस संदर्भ में रेसिडेंट डॉक्टरों के मार्ड संगठन के प्रतिनिधियों से चर्चा करके सकारात्मक हल निकाले जाने का निर्णय किया गया.