मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार एवं स्थानीय निकायों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की समस्या पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने का निर्देश दिया और अधिकारियों को ऐसा करने वालों पर जुर्माना राशि बढ़ाने को कहा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने थूकने के विरुद्ध लोगों के बीच व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया। अदालत ने कहा कि ऐसे में जबकि बंबई पुलिस अधिनियम के प्रावधान अधिकारियों को थूकते हुए पकड़े जाने वाले व्यक्ति पर 1200 रु. का जुर्माना लगाने की अनुमति देते हैं तो अधिकारी महज 200 रुपये ही वसूल रहे हैं।