सिंगापुर। S Jaishankar in Singapore, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सिंगापुर भारत की आर्थिक और वाणिज्यिक नीतियों (Economic and Commercial Policies) के लिए एक बड़ा केंद्र बन गया है। जयशंकर ने यहां स्टार्ट-अप एंड इनोवेशन एग्जीबिशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए ये बात कही। उन्होंने इस दौरान कहा कि सिंगापुर राजनीतिक, सामरिक और साथ ही आर्थिक वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी भारत की नीतियों के लिए एक बड़ा केंद्र बन गया है। आज जो द्विपक्षीय संबंध के रूप में शुरू हुआ है वह कुछ ऐसा है जो बहुत व्यापक है। नियम आधारित मुद्दों पर दोनों देशों की सोच काफी मिलती है।
दुनिया के लिए भारत और सिंगापुर के मजबूत रिश्ते अहम
जयशंकर ने इस दौरान दुनिया के लिए भारत और सिंगापुर के मजबूत रिश्ते अहम बताया। उन्होंने कहा कि जब दोनों देश ऐसे समय में अपने संबंधों के समकालीन दौर में साथ आए जब दुनिया बदल रही थी और भारत भी। दोनों बदलावों का एक दूसरे के साथ काफी कुछ लेना-देना था।
भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार
उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि उस समय भारत में भुगतान का संकट था और आर्थिक सुधारों को लेकर काम किया जा रहा था। ऐसे समय में भारत ने सिंगापुर का रुख किया और सिंगापुर ने प्रतिक्रिया दी। इसके बाद से सिंगापुर भारत के विकास में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया।
मजबूत रक्षा संबंध
उन्होंने दोनों देशों के रक्षा संबंधों के लेकर कहा कि हमारे बीच बहुत मजबूत रक्षा संबंध हैं। हमने अभी-अभी निर्बाध नौसेना अभ्यास के 25 वर्ष पूरे किए हैं। जो मुझे लगता है कि भारत का दुनिया में किसी भी देश के साथ ये सबसे लंबा अभ्यास है।
चीन के साथ व्यापारिक रिशते पर चिंता जाहिर की
उन्होंने इस दौरान चीन के साथ व्यापारिक रिशते पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे बड़ी चिंताओं में चीन के साथ इसके संबंध शामिल है, क्योंकि हम चीन के साथ बहुत बड़ा व्यापार-घाटा चलाते हैं। इसका कारण सबसे बड़ा कारण अनुचित तरीके से लगाए गए बाजार प्रतिबंध है।
प्रदर्शनी में शामिल हुए
सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ एस. जयशंकर 'इनसप्रेनुर 3.0 - एक स्टार्ट अप और इनोवेशन प्रदर्शनी' में शामिल हुए। इस प्रदर्शनी में भारत के लगभग 60 स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया है।
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Editor- Majid Siddique