इस्लामाबाद। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध के बाद अपने कब्जे वाली पाकिस्तान की जमीन को लेकर बातचीत की थी। इसके बाद उसे जमीन वापस मिली थी। बुधवार को कश्मीर मुद्दे पर बुलाए गए संयुक्त सत्र के दौरान यह दावा पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने किया है।
डॉन न्यूज ने जरदारी के हवाले से कहा, 'हमें यह महसूस करना चाहिए कि 1971 के युद्ध के बाद जुल्फिकार अली भुट्टो ने कैसे अपनी सीमाओं की सुरक्षा की। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का गठन कश्मीर के लिए किया गया था। जुल्फिकार अली भुट्टो ने बातचीत के बाद (पूर्व भारतीय प्रधान मंत्री) इंदिरा से कब्जाई जमीन वापस ले ली थी।'
उन्होंने कहा, पूर्वी पाकिस्तान को बांग्लादेश के तौर पर स्वतंत्रता मिलने के बाद शिमला में भुट्टो ने इंदिरा गांधी से मुलाकात की। शिखर सम्मेलन के दौरान शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे और भारत ने सभी युद्धबंदियों (पीओडब्ल्यू) को रिहा कर दिया था।
पीपीपी के नेता ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष दर्जे को रद करने का भारत का निर्णय पूर्वी पाकिस्तान की त्रासदी के समान ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दा पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्र होने के बाद की दूसरी बड़ी घटना है।
इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला करते हुए जरदारी ने कहा कि क्या आपको लगता है कि भारत को यह पता नहीं है कि पाकिस्तान में किस तरह कुछ चुनिंदा लोगों के लिए लोकतंत्र है। क्या उन्हें हमारी खस्ताहाल आर्थिक हालत के बारे में पता नहीं है।
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Editor- MAjid Siddique