मुंबई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने अगले दो दिनों के दौरान रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है।
गौरतलब है कि जून से शुरू होकर सितंबर तक चलने वाले चार महीने के मानसूनी सीजन का आधा हिस्सा बीत गया। इन दो महीनों में देश की दो तस्वीर दिखी है। महाराष्ट्र और बिहार में बाढ़ की स्थिति बनी है जो लोगों के लिए विनाशकारी साबित हो रही है। वहीं, देश के कुछ हिस्से ऐसे भी हैं जहां बारिश की बूंदें लोगों को तरबतर नहीं कर सकी हैं। बारिश में समग्र कमी घटकर जरूर नौ फीसद रह गई है, लेकिन 12 राज्यों में अभी सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई है।
मानसूनी बारिश का देश की अर्थव्यवस्था और कृषि के विकास में अहम योगदान है। देश की 55 फीसद उपजाऊ जमीन सिंचाई के लिए बारिश की बूंदों पर आश्रित है। देश की 2.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की 15 फीसद हिस्सेदारी है। जबकि रोजगार देने का आज भी यह सबसे बड़ा क्षेत्र है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 19 जुलाई तक देश में 5.67 करोड़ हेक्टेयर में फसलों की बुवाई हो चुकी है। हालांकि पिछले साल के मुकाबले यह 6.9 फीसद कम है। देश के प्रमुख जलाशयों का स्तर उनकी भंडारण क्षमता के 24 फीसद रहा जबकि पिछले साल इसी दौरान यह औसत 32 फीसद था। पिछले दस साल का औसत 28 फीसद है।
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Editor- Majid Siddique