नई दिल्ली। एक ओर जहा सरकार दावा करती रहती है कि वह देश में बेहतर शिक्षा प्रदान करेगी। वहीं दूसरी ओर देश में 21 केंद्रीय विद्यालय ऐसे हैं जिनकी इमारतें असुरक्षित हैं। हालांकि, इनमें से कई आंशिक रूप से असुरक्षित है। इसके बाद भी वहां छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। एक ऑडिट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से कहा गया है कि वह निर्देश जारी करें कि इनमें स्कूल नहीं चलाया जाना चाहिए। महाराष्ट्र में 8 असम में 3 ऐसे केंद्रीय विद्यालय है जिनका निर्माण 1960 के दशक में किया गया था
ऐसे ही दो स्कूल उत्तर प्रदेश और गुजरात में हैं, और एक-एक त्रिपुरा, मेघालय, केरल, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और सिक्किम में हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों के माध्यम से 10 से अधिक पुराने स्कूल भवनों के संबंध में तकनीकी ऑडिट कराने के लिए कार्रवाई शुरू की थी।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, 21 केवी इमारतें असुरक्षित है। जबकि उनमें से 18 आंशिक रूप से असुरक्षित पाई गई हैं, तीन को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। पूरी तरह असुरक्षित पाई गई तीन केवी इमारते गुजरात और महाराष्ट्र में हैं। अधिकारी ने कहा कि असुरक्षित स्कूलों के प्रतिस्थापन के काम को चार केवी में मंजूरी दी गई है। जिसमें से एक गुजरात में और तीन महाराष्ट्र में हैं।
बाकी 17 केंद्रीय विद्यालयों में मरम्मत या प्रतिस्थापन का काम निर्माण एजेंसियों से अनुमान प्राप्त करने और फंड की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि हालांकि, असुरक्षित इमारतों में स्कूल नहीं चलाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
बता दें कि केंद्रीय विद्यालय संगठन स्कूल में लगभग 260 केंद्रीय विद्यालयों का संचालन अस्थायी परिसर (temporary premises) में करते है। ऐसे स्कूल सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और बिहार में है। गौरतलब है कि संगठन देश में लगभग 1206 केंद्रीय विद्यालयों का संचालन करता है। ऐसे ही तीन स्कूल विदेश में भी संचालिक हैं।
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Editor- Majid Siddique