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रेडियो जॉकी को जेल में लोकप्रिय कर गए संजू

मुंबई
बॉलिवुड ऐक्टर संजय दत्त की जिंदगी में उनका एक खास दोस्त रहा है। फिल्म संजू में इस दोस्त कमली के किरदार को विक्की कौशल ने निभाया है। साल 1993 के बम धमाकों के बाद यह दोस्त संजय से अपना सालों पुराना रिश्ता तोड़ लेता है। इस दोस्ती के टूटने की वजह दो होती हैं। पहली, एक सवाल उठाती फर्जी खबर, जिसमें संजय दत्त के घर के बाहर आरडीएक्स से भरे ट्रक की बात किसी अखबार में छपी होती है। दूसरा प्रकरण तब का है, जब संजय दत्त, सुनील दत्त और एक ऐडवोकेट के बीच 1993 के बम धमाकों में संजय दत्त के एप्रूवर बनने या न बनने को लेकर वार्तालाप चलता है। संजय दत्त का दोस्त कमली उस दौरान आता है, कुछ अधूरी बातें सुनता है और फिर सुनील दत्त के कहने पर वहां से चला जाता है। 
धीरे-धीरे रेडियो जॉकी के किरदार में रम गए 
इन अधूरी बातों और फर्जी खबर से कमली अपने कुछ गलत निष्कर्ष निकाल लेता है। दोस्त कमली के दिमाग में पैदा हुई इन ‘गलतफहमियों’ को बाद में संजय दत्त के किरदार में रणबीर कपूर यरवडा जेल में बने रेडियो स्टेशन के जरिए दूर करना चाहते हैं, जब उन पर किताब लिख रही लेखिका बिनी (अनुष्का शर्मा) के जरिए वह अपने दोस्त कमली को यरवडा जेल के बाहर बुलाते हैं और फिर रेडियो जॉकी बनकर पूरी बात सुनाते हैं। दो साल पहले पांच साल की सजा पूरी करने के बाद जब संजय दत्त जेल से बाहर आते हैं, तो उनसे गले मिलने वालों में उनका यह दोस्त कमली यानी विक्की कौशल भी होता है। 
महाराष्ट्र पुलिस के अडिशनल डीजी (जेल) डॉक्टर भूषण उपाध्याय ने शनिवार को एनबीटी से बातचीत में माना कि संजय दत्त को यरवडा जेल में रेडियो जॉकी का काम मिला हुआ था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा देने के बाद जब संजय दत्त पहली बार इस जेल गए थे, तब उन्हें कागज के कैरी बैग बनाने का काम सौंपा गया था। बाद में वह वहां धीरे-धीरे रेडियो जॉकी के किरदार में रम गए। 
कुछ कैदियों को ट्रेनिंग भी 
उपाध्याय के अनुसार, पहले रेडियो स्टेशन सिर्फ यरवडा जेल तक ही सीमित था, पर हमने बाद में इसका दायरा महाराष्ट्र की अन्य आठ सेंट्रल जेलों तक बढ़ा दिया। ये जेले हैं- नागपुर, औरंगाबाद, नाशिक, ठाणे, कोल्हापुर, तलोजा, आर्थर रोड और अमरावती। उपाध्याय का कहना है कि जेल की शब्दावली में इसे कम्यूनिटी रेडियो भी कहते हैं। उनके अनुसार, ‘यदि कोई कैदी किसी गाने की डिमांड करता है, तो जेल में बने इस रेडियो स्टेशन के जरिए ही उसकी फरमाइश को पूरा किया जाता है। हर सेंट्रल जेल में हमने नए और पुराने करीब 50 हजार गानों का बैंक बनाकर रखा है।’ 
जेलों में रेडियो स्टेशन सुबह दो घंटे और शाम को दो घंटे चालू किया जाता है। इसमें गानों के बीच रेडियो जॉकी उसी स्टाइल में बात करता है, जिस तरह प्राइवेट एफएम चैनलों के पेशेवर रेडियो जॉकी बात करते हैं। जेल के अडिशनल डीजी के अनुसार, ‘हम रेडियो जॉकी के रूप में उन्हीं कैदियों का चुनाव करते हैं, जिनका बोलने का अलग और प्रभावित करने वाला अंदाज हो। नागपुर और पुणे में तो हमने बाकायदा प्रोफेशनल रेडियो जॉकी को जेलों में बुलवाया और उनके जरिए अपने कुछ कैदियों को ट्रेनिंग दिलवाई।’ 
हर बैरक में स्पीकर बॉक्स 
उपाध्याय कहते हैं कि जिन जेलों में रेडियो स्टेशन बना है, वहां हर बैरक में स्पीकर बॉक्स भी लगाए गए हैं, ताकि हर कैदी रेडियो जॉकी की मस्ती और गानों की गुनगुनाहट से झूम सके और खुद को टेंशन फ्री कर सके। दिवाली, ईद के मौके पर खुद जेल अधिकारी रेडियो जॉकी बन जाते हैं और अपना संदेश इन रेडियो स्टेशनों के जरिए सारे कैदियों तक पहुंचा देते हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर सेंट्रल जेलों में कनविक्टेड (सजा पाए) कैदियों को रखा गया है, पर कई जेलों में अंडरट्रायल (जिन पर मुकदमा शुरू होना है) आरोपियों को भी रखा जाता है। रेडियो स्टेशन के जरिए रेडियो जॉकी की बात को सुनने की सुविधा हर कनविक्टेड और अंडरट्रायल कैदी को दी गई है, पर रेडियो जॉकी का काम सिर्फ कनविक्टेड कैदी को ही दिया जाता है। 
फिल्म संजू में दिखाया गया है कि यरवडा के रेडियो स्टेशन की रेंज एक खास जगह पर जेल के बाहर तक भी पहुंचती है और इसी वजह से विनी (अनुष्का शर्मा) और कमली (विक्की कौशल) अपनी कार को उस खास जगह पर रोक देते हैं और रेडियो जॉकी रणबीर कपूर यानी संजय दत्त के संदेश को सुनते हैं, पर डॉक्टर भूषण उपाध्याय इसे सिर्फ फिल्मी स्क्रिप्ट बताते हैं। वह साफ-साफ कहते हैं कि जेल के अंदर बने रेडियो स्टेशन की फ्रीक्वेंसी जेल के बाहर आती ही नहीं, इसलिए जेल के रेडियो जॉकी की जेल के अंदर कही गई बात जेल के बाहर आने का सवाल ही नहीं उठता। 


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