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महाराष्ट्र में असहिष्णुता पड़ गई भारी, बंगाल में अहंकार की वजह से हारी बीजेपी : शिवसेना

महाराष्ट्र : बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उम्मीदों के मुताबिक परिणाम न मिलने पर कभी उसकी सहयोगी पार्टी रही शिवसेना ने हमला बोला है। शिवसेना ने कहा है कि बीजेपी को अहंकार के चलते पश्चिम बंगाल में हार का सामना करना पड़ा है। यही नहीं अपने मुखपत्र 'सामना' में शिवसेना ने कहा कि महाराष्ट्र में असहिष्णुता के चलते बीजेपी सत्ता से बाहर हुई है। शिवसेना की ओर से यह टिप्पणी बीजेपी द्वारा एनसीपी के मंत्री छगन भुजबल पर हमले के बाद आया है। बीजेपी की ओर से छगन भुजबल को चेतावनी देते हुए कहा गया था कि उन्हें बीजेपी के खिलाफ बोलने से पहले सोच-समझ लेना चाहिए। 

दरअसल छगन भुजबल ने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की लीडरशिप वाली टीएमसी के मुकाबले बीजेपी के पिछड़ने को लेकर तंज कसा था। अब शिवसेना की ओर से इसी मुद्दे पर बीजेपी पर तंज कसा गया है। 2019 में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और शिवसेना के रिश्ते सीएम पद को लेकर बिगड़ गए थे। राज्य में शिवसेना से ज्यादा सीटें लाने के चलते बीजेपी की ओर से सीएम पद पर दावा किया जा रहा था। वहीं शिवसेना का कहना था कि इस पद पर उसका हक है। इसके चलते ही दोनों दलों के बीच टकराव तेज हो गया था और अंत में दोनों की राहें अलग हो गई थीं।

इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार गठन किया था। रविवार को बंगाल में आए चुनाव नतीजों में बीजेपी को 292 सीटों में से 77 पर जीत मिली है, जबकि टीएमसी को 213 सीटों पर विजय हासिल हुई है। सामना के संपादकीय में भुजबल की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने ममता बनर्जी की तारीफ की थी और इसमें आखिर गलत क्या था। इसे बीजेपी का अहंकार बताते हुए शिवसेना ने कहा कि इसी के चलते बंगाल में उसे हार मिली है। यही नहीं शिवसेना ने कहा कि बंगाल में हार के चलते ही बीजेपी पंढरपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मिली जीत का जश्न भी नहीं मना पा रही है। 

बता दें कि महाराष्ट्र की पंढरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के समाधान औताड़े ने जीत हासिल की है। उन्होंने महाविकास अघाड़ी के कैंडिडेट 3,700 से ज्यादा वोटों से मात दी है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र में कहा कि महाविकास अघाड़ी को पंढरपुर में हार मिली है और हर किसी ने बीजेपी और विजेता कैंडिडेट को जीत पर बधाई दी है। लेकिन अघाड़ी के किसी नेता ने जीत दर्ज करने वाले को बधाई देने वाले किसी व्यक्ति को धमकी नहीं दी है।



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