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सीसीटीवी की मदद से पकड़ा गया संदिग्ध चोर

मुंबई। चोरी के बहुत से मामले आपने सुने-देखे या पढ़े होंगे, लेकिन ये वारदात कुछ अनोखी है। सबसे अनोखी कहानी है इसमें एक मामूली चोर की गिरफ्तारी, जो नशेड़ी (Drug addict) है। पुलिस ने चप्पल और शर्ट की मदद से उसे गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन वह पुलिस को लगातार चकमा देता रहा। पुलिस भी उसके झांसे में आ गई। इसके बाद फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया। फॉरेंसिक टीम भी दो बार चूकी, लेकिन फिर उसे जो कामयाबी मिली वह चौंका देने वाली थी।

चोरी की ये वारदात मुंबई के एक रेलवे स्टेशन की है। चोरी की ये वारदात मुंबई के डॉकयार्ड रेलवे स्टेशन (Dockyard Railway Station) पर सात जुलाई की रात करीब ढाई बजे हुई थी। यहां एक चोर ने रेलवे के टिकट बुकिंग काउंटर से कैश चोरी कर लिया था। रिजर्वेशन काउंटर बंद होने से पहले काउंटर में लगभग 18000 रुपये की नकदी रखी थी। सुबह सात बजे जब दूसरी महिला टिकट बुकिंग क्लर्क पहुंची तो काउंटर में मात्र 3886 रुपये ही बचे थे। काउंटर में रखे 14200 रुपये चोरी हो चुके थे। काउंटर में ये नकदी दूसरी शिफ्ट खुले पैसों के तौर पर रखी जाती है।

महिला टिकट बुकिंग क्लर्क ने तुरंत मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना पाकर वडाला जीआरपी मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। नकदी चोरी की वारदात बेहद सुरक्षित माने जाने वाले रेलवे के बुकिंग काउंटर में हुई थी, लिहाजा पुलिस के लिए इस केस का खुलासा करने की अहम चुनौती थी। पुलिस ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। सीसीटीवी की जांच में पुलिस को एक संदिग्ध बुकिंग काउंटर की खिड़की से अंदर दाखिल होता दिखा। करीब 10-15 मिनट बाद वह बाहर निकला।

वडाला जीआरपी थाने के सीनियर इंस्पेक्टर राजेंद्र पाल ने बताया कि केस के खुलासे के लिए उन्होंने अपने स्टॉफ के बीच ईनाम की घोषणा की। उन्होंने चोर को पकड़ने वाले या उसकी सूचना प्राप्त करने वाले कर्मचारियों के लिए 1000, 3000 और 5000 रुपये का ईनाम घोषित किया। उन्होंने एक टीम बनाई और आरपीएफ व बायकुला थाने को भी जांच में शामिल कर लिया। पुलिस के पास सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि सीसीटीवी में दिख रहे आरोपी का चेहरा साफ नहीं था। लिहाजा उसकी चप्पल और शर्ट के आधार पर जांच शुरू की गई।

सभी पुलिसकर्मियों को सीसीटीवी में कैद संदिग्ध की फोटो उनके मोबाइल पर दी गई। दो दिन तक पुलिस उसके बारे में पता करती रही, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। नौ जुलाई को वडाला थाने की पुलिस रेलवे स्टेशन पर रूटीन गस्त कर रही थी। इसी दौरान उन्हें एक संदिग्ध दिखा जिसने ठीक उसी तरह की चप्पल और शर्ट पहन रखी थी। वह एक नशेड़ी (Drug Addict) था। पुलिस संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए थाने ले आई।

थाने में पुलिस ने जब आरोपी से चोरी के संबंध में पूछताछ की तो उसने साफ इनकार कर दिया। पुलिस ने उसे सीसीटीवी रिकॉर्डिंग दिखाई, बावजूद शातिर ने पुलिस को चकमा दे दिया। उसने पुलिस से कहा कि सीसीटीवी में दिख रही चप्पल और शर्ट का रंग उससे मिलता जरूर है, लेकिन चोरी उसने नहीं की है। चूंकि उसकी चप्पल और शर्ट बहुत सामान्य सी थी, लिहाजा पुलिस को भी संदेह था कि चोर कोई और भी हो सकता है। एक बार तो नशेड़ी चोर ने पुलिस को अपने झांसे में भी ले लिया।

इसके बाद सीनियर अधिकारियों ने मामले में फॉरेंसिक टीम की मदद लेने का फैसला लिया। फॉरेंसिक टीम ने चोरी वाली जगह से लिए गए फिंगर प्रिंट के नमूनों से पकड़े गए संदिग्ध की अंगुलियों के निशान का मिलाना कराया। एक के बाद एक संदिग्ध की अंगुलियों के निशान क्राइम सीन से लिए गए फिंगर प्रिंट के नमूनों से नहीं मिले। फॉरेंसिक टीम को भी लगा कि संदिग्ध सही बोल रहा है इसके बाद जो हुआ वो चौंकाने वाला था। आरोपी के हाथों की केवल तीन अंगुलियों के निशान, क्राइम सीन से लिए गए फिंगर प्रिंट सैंपल से मैच कर गईं। इसके आधार पर पुलिस ने सख्ती से आरोपी से पूछताछ शुरू की और फिर उसने अपना जुर्म स्वीकार लिया।

आरोपी के जुर्म स्वीकार करने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान 25 वर्षीय सुनील राठौर के रूप में हुई है। वह मुंबई के कॉटन ग्रीन एरिया का रहने वाला है। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी नशे की लत को पूरा करने के लिए बुकिंग काउंटर से कैश चोरी किया था। पुलिस अब उसका आपराधिक इतिहास खंगाल रही है।


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