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INX Media case:आखिरकार चिदंबरम भेजे गए तिहाड़ जेल, फर्श पर गुजरी रात

नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में दाखिल होने से पूर्व बाहर खड़े मीडियाकर्मियों को देखकर चिदंबरम थोड़ा मुस्कुराये जरूर थे पर परिसर में दाखिल होने के बाद कुछ बेचैन नजर आए। जेल सूत्रों के अनुसार, जरूरत पड़ी तो उन्हें काउंसिलिंग की सुविधा भी मुहैया कराई जा सकती है। अन्य कैदियों की तरह ही चार स्तरीय सुरक्षा घेरे के बीच चिदंबरम को रखा गया है।

जेल में चिदंबरम की रात सीमेंट के फर्श पर ही गुजरी। बिछाने के लिए दरी और चादर दी गई। रात के भोजन में उन्होंने दाल, रोटी और सब्जी खाई। जेल में उनकी दिनचर्या सुबह छह बजे शुरू होगी। सुबह छह बजे से शाम सात बजे तक उन्हें उन तमाम प्रक्रियाओं का सामना करना होगा जो अन्य कैदी करते हैं। सुबह छह बजे सोकर उठने के बाद सात बजे वह अपने सेल के बाहर निकलकर कैदियों की गिनती में शामिल होंगे। तिहाड़ जेल के अतिरिक्त महानिरीक्षक राजकुमार ने बताया कि जेल की सेल में चौकी या चबूतरे की सुविधा नहीं दी सकती।

पढ़ सकेंगे किताब
गिनती से जुड़ी प्रक्रिया के बाद जेल में आठ बजे चिदंबरम को नाश्ता दिया जाएगा। इसके बाद नौ बजे से 12 बजे के बीच वह जेल में विभिन्न तरह की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे। इन गतिविधियों में यदि वे चाहें तो अपने सेल में रहकर या पुस्तकालय जाकर किताब, अखबार या पत्रिकाएं पढ़ सकेंगे। करीब एक बजे उन्हें दोपहर का खाना मिलेगा। इसके बाद उनको सेल में बंद कर दिया जाएगा। दोपहर तीन बजे उन्हें सेल से बाहर निकाला जाएगा। इस अवधि में चिदंबरम चाहें तो परिसर में सैर कर सकते हैं, खेलकूद सकते हैं या फिर पुस्तकालय में जा सकते हैं। शाम छह बजे के बाद रात का भोजन दिया जाएगा।

सीसीटीवी कैमरे से नजर
सुरक्षा कारणों को देखते हुए उनके सेल के आसपास सीसीटीवी कैमरे से पूरी नजर रखी जा रही है। दिल्ली पुलिस उन्हें लेकर शाम 7.45 बजे जेल परिसर में दाखिल हुई। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जेल संख्या चार के रास्ते दाखिल कराने के बाद उनका मेडिकल चेकअप कराया गया। इसके बाद उन्हें जेल संख्या सात के सेल में रखा गया। राजकुमार ने बताया कि चिदंबरम को सामान्य कैदी की ही तरह जेल में रखा जाएगा। सुरक्षा कारणों को देखते हुए उन्हें बैरक की बजाय सेल में रखा गया है। सेल के अंदर ही एक बाथरूम है। जेल अधिकारियों के अनुसार उनके सेल में अभी उनके साथ कोई अन्य कैदी नहीं रखा गया है।

सबसे कम उम्र के कैदियों के लिए
पी. चिदंबरम को जिस जेल संख्या सात में रखा गया है, उसे 18 से 20 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले कैदियों के लिए बनाया गया है। 20 वर्ष की आयु के बाद यहां से कैदियों को उनके नाम के प्रथम अक्षर व प्राप्त सजा के आधार पर तय जेलों में भेज दिया जाता है। इस नियम के बावजूद पिछले कुछ समय से इस जेल में आर्थिक अपराधों के आरोपित कैदियों को रखा जा रहा है। अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर से जुड़े मामले में आरोपित रतुल पुरी को जेल संख्या सात में ही रखा गया था।

तिहाड़ जेल में चिदंबरम को मिलेगी ये सुविधाएं

तिहाड़ की जेल नंबर 7 में आम तौर पर आर्थिक अपराध से जुड़े आरोपियों को रखा जाता है। अमूमन जेल नंबर 7 में पहुंचे कैदियों को जमीन पर ही सोने का इंतजाम होता है। जेल की तरफ से तीन-चार कंबल दिए जाते हैं। पी. चिंदबरम की उम्र चूंकि 60 साल से ज्यादा है। लिहाजा जेल मैनुअल के हिसाब से उन्हें लकड़ी का तख्त सोने के लिए दिया जाएगा।

तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने बताया कि चिदंबरम को जेल नंबर 7 में एक अलग कोठरी में रखा जाएगा। खाने में उन्हें रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी। इसके अलावा उन्हें वेस्टर्न टॉइलट की भी सुविधा दी जाएगी। चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत से अपने मुवक्किल को जेल में वेस्टर्न टॉइलट देने की मांग की थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। 

जानें क्या है जेल मैनुअल 

पी चिदंबरम को कोर्ट के आदेश और जेल मैनुअल के अलावा कोई विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। जेल मैनुअल के मुताबिक कैदियों को रात नौ बजे बैरक में बंद कर दिया जाता है। इसके बाद अगले दिन सुबह 6 से 7 बजे उठना होता है। दिनचर्या के हिसाब से फ्रेस होने के बाद नाश्ता में दलिया, ब्रेड, चाय और बिस्कुट दिया जाता है। नाश्ता के बाद टहलना और व्यायाम करना होगा। इसके बाद खाना में रोटी, दाल और सब्जी दी जाएगी।

जेल में मांगी जेड सिक्योरिटी, अलग सेल व अन्य सुविधाएं
चिदंबरम की ओर से विशेष सीबीआइ अदालत में तीन आवेदन पेश करके जेल के अंदर जेड-सिक्योरिटी सुरक्षा देने, अलग सेल में रखने, उनके डॉक्टरों द्वारा सुझाई गई दवाइयां और अपना चश्मा ले जाने, बुजुर्ग होने के कारण पाश्चात्य शैली के टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई। अदालत ने सभी ¨बदुओं पर गौर करने के बाद इन सुविधाओं की अनुमति दे दी।

जेल जाते-जाते किया कटाक्ष
चिदंबरम ने तिहाड़ जेल जाते-जाते भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें केवल अर्थव्यवस्था की चिंता है। इस कटाक्ष के जरिये उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश कि उन्हें अपने जेल जाने से कहीं ज्यादा चिंता देश की अर्थव्यवस्था की है।

दिनभर यूं चला घटनाक्रम
- सुप्रीम कोर्ट ने आइएनएक्स मीडिया से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।
- चिदंबरम ने गिरफ्तारी और सीबीआइ रिमांड को चुनौती देने वाली अपनी याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली।
- एयरसेल मैक्सिस मामले में विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने पी. चिदंबरम और कार्ति को अग्रिम जमानत प्रदान की।
- विशेष सीबीआइ न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने चिदंबरम को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा।
- मनी लांन्ड्रिंग मामले में सरेंडर का आवेदन दाखिल। विशेष न्यायाधीश ने ईडी को नोटिस जारी कर 12 तक जवाब मांगा।

मनी लॉन्ड्रिंग केस में सरेंडर की अर्जी पर ईडी को नोटिस

कोर्ट ने इसी मामले से जुड़े मनी लॉन्डि्रंग संबंधी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के केस में चिदंबरम के सरेंडर करने की अर्जी पर एजेंसी को नोटिस भी जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के 20 अगस्त के आदेश के खिलाफ चिदंबरम की अर्जी गुरुवार को ही खारिज कर दी। दिल्ली हाई कोर्ट ने चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। मालूम हो कि 21 अगस्त को गिरफ्तारी के बाद से चिदंबरम (73) की सीबीआई हिरासत पांच चरणों में बढ़ाई गई और वह 15 दिनों तक सीबीआई हिरासत में रहे। यह हिरासत अवधि पूरी होने के बाद उन्हें आज फिर से कोर्ट में पेश किया गया था।

चिदंबरम जेल की बजाय ईडी हिरासत में जाने को थे तैयार

चिदंबरम के वकील ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने की सीबीआई की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि वह मनी लॉन्डि्रंग केस में हिरासती पूछताछ के लिए ईडी रिमांड में जाने को तैयार हैं। इसके पहले चिदंबरम ने अपने खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली। इसके बाद उन्हें विशेष अदालत में पेश किया गया।

चुनौती देने वाली याचिका खारिज

बहस के दौरान मेहता ने विशेष जज को ईडी के केस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सूचना देते बताया कि उन्होंने सीबीआई केस में भी अपनी याचिका वापस ले ली है। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी केस में हाई कोर्ट द्वारा चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी। सीबीआई ने विशेष अदालत से कहा कि चिदंबरम को जेल भेजा जा सकता है, क्योंकि वह एक ताकतवर सार्वजनिक हस्ती हैं और उन्हें खुला नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

सिब्बल ने किया विरोध

लेकिन चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई की दलील का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी कह रही है कि उनके खिलाफ जांच को प्रभावित या बाधित करने का कोई आरोप नहीं है। उन्होंने कहा कि आईएनएक्स मीडिया मामले से जुड़े मनी लॉन्डि्रंग केस में चिदंबरम ईडी की हिरासत में जाने को तैयार है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम सरेंडर करेंगे और ईडी उन्हें अपनी हिरासत में ले। चिदंबरम को जेल क्यों भेजा चाहिए?

एयरसेल मैक्सिस केस में विशेष कोर्ट से मिली राहत

दूसरी ओर, एक अन्य विशेष अदालत ने चिदंबरम तथा उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस केस में अग्रिम जमानत प्रदान कर दी। विशेष जज ओपी सैनी ने चिदंबरम पिता-पुत्र को राहत प्रदान करते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें एक लाख रुपये के निजी बांड और एक लाख रुपये के मुचलके पर छोड़ा जाना चाहिए।

Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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