नई दिल्ली। INX Media case: आइएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में सु्प्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज एनवी रामन ने चिदंबरम की फाइल को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेज दिया है। अब देखना है कि मुख्य न्यायाधीश इस मामले में क्या फैसला करते हैं। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत मिलेगी या नहीं। इधर इडी ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर है।
ताजा जानकारी के अनुसार चीफ जस्टिस अभी संविधान पीठ में बैठे हैं और अयोध्या केस में सुनवाई कर रहे हैं। जस्टिस रमना के मना करने के बाद कपिल सिब्बल तुरंत चीफ जस्टिस कोर्ट गए, लेकिन वहां केस मेंशन नहीं किया, बल्कि कोर्ट ने सीधे अयोध्या केस की सुनवाई शुरू कर दी।
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें तगड़ा झटका देते हुए मंगलवार दोपहर उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी। इसके चंद मिनट बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गिरफ्तारी पर तीन दिन की अंतरिम राहत देने की मांग करते हुए कोर्ट में फिर अर्जी लगाई, लेकिन उस पर भी उन्हें राहत नहीं मिली। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम का पक्ष रखने के लिए वकील कपिल सिब्बल, विवेक तनखा और सलमान खुर्शीद मौजूद रहेंगे।
इसके बाद चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल व अन्य तुरंत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सीजेआई से तत्काल सुनवाई के लिए मेंशनिंग की गुहार लगाई, लेकिन कोर्ट ने उन्हें बुधवार को मेंशनिंग करने का निर्देश दिया। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सुनील गौर ने चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर 25 जनवरी को फैसला सुरक्षित रखा था। मंगलवार को उनकी याचिका खारिज कर दी गई।
जस्टिस सुनील गौर ने कहा कि सीबीआई व ईडी दोनों मामलों में उनकी याचिकाएं खारिज की जाती हैं। इसके बाद चिदंबरम के वकील दयान कृष्णन ने आदेश के अमल पर तीन दिन की रोक लगाने का आग्रह किया। हाई कोर्ट ने इस पर कहा कि वह इस आग्रह पर विचार कर फैसला देगी। करीब चार बजे कोर्ट ने उनका यह आग्रह भी नामंजूर कर दिया। हाई कोर्ट द्वारा कोई भी राहत देने इनकार करने के बाद चिदंबरम ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से मुलाकात कर अगली रणनीति पर विचार किया। कपिल सिब्बल ने बताया कि बुधवार सुबह 10.30 बजे सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के लिए केस की मेंशनिंग की जाएगी।
पी. चिदंबरम पर क्या हैं आरोप ?
बता दें कि वित्त मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) ने दो उपक्रमों को मंजूरी दी थी। आइएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई, 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गई एफआइपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुई। इसके बाद ईडी ने पिछले साल इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
क्या है INX मीडिया केस ?
आइएनएक्स मीडिया केस साल 2007 में आइएनएक्स मीडिया को मिले पैसों के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से मंजूरी मिलने से जुड़ा हुआ है। 305 करोड़ रुपये के इस हाई प्रोफाइल घोटाले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम का भी नाम शामिल है। सीबीआई और ईडी केस में जांच कर रही है कि कैसे पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से आईएनएक्स मीडिया के लिए मंजूरी मिल गई थी, जबकि उस वक्त वित्त मंत्री खुद उनके पिता पी. चिदंबरम थे। सीबीआई और ईडी की जांच में ये पता चला कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाने के लिए आईएनएक्स मीडिया के निदेशक पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी ने पी. चिदंबरम से मुलाकात की थी, जिससे विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी में कोई देरी ना हो।
Hind Brigade
Editor- Majid Siddique