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अब उत्तर भारत में बाढ़ का कहर, अब तक 40 की मौत, हिमाचल व उत्तराखंड में स्थिति बदतर

नई दिल्ली। केरल और महाराष्ट्र के बाद देश के पहाड़ी राज्य अब भारी बारिश और बाढ़ के कहर से जूझ रहे हैं। इनमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू के कुछ इलाके भी शामिल हैं। हिमाचल में तो 70 साल में पहली बार इतनी बारिश हुई है। इसके चलते अब तक 22 लोगों को मौत हो चुकी है। दर्जनों लोग घायल हुए हैं जबकि सात लापता बताए जा रहे हैं।

वहीं, उत्तराखंड में भी बारिश के कारण नौ लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा भारी बारिश के कारण पंजाब में छह और उत्तर प्रदेश में तीन लोगों की मौत हुई है। हिमाचल में ऊना और शिमला-सोलन के बीच रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है। कुल्लू जिले का संपर्क शेष दुनिया से कट चुका है। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार कुछ राहत मिलने का संभावना है।

20 साल बाद अगस्त में बर्फ
बर्फबारी को लेकर 20 साल के बाद अगस्त में बर्फबारी दर्ज की गई है। कुल्लू जिले के रोहतांग दर्रे और लाहुल-स्पीति की चोटियों पर हल्की बर्फबारी दर्ज की गई।

श्री नैना देवी में सर्वाधिक बारिश 
हिमाचल प्रदेश के मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान औसत 102.5 मिलीमीटर बारिश हुई, जो सामान्य से 1065 फीसदी अधिक है। इससे पहले 14 अगस्त 2011 को 74 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। सबसे अधिक वर्षा श्री नैनादेवी में 330 मिलीमीटर हुई।

विदेशी पर्यटकों समेत 150 लोगों को बचाया
लाहुल-स्पीति जिले में सड़क बहने से फंसे करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। सीमा सड़क संगठन के अनुसार इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। बाढ़ और भूस्खलन के कारण ये लोग छोटा दड़ा, छतड़ू व ग्रांफू में फंसे थे। बॉर्डर रोड टास्क फोर्स के कर्नल उमा शंकर ने बताया कि एक व्यक्ति को मनाली अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। उन्होंने बताया कि करीब 400 लोग केलंग व सिस्सू के बीच सड़कों पर फंसे हैं। हालांकि वे सुरक्षित हैं और खतरे की जद से बाहर हैं।

उत्तराखंड में भी बारिश का कहर, पांच की मौत 19 लापता
उत्तराखंड में मौसम का मिजाज खतरनाक होता जा रहा है। बीते 24 घंटों के अंतराल में बादल फटने, नदी नालों के उफान और भूस्खलन की घटनाओं में जानमाल का नुकसान हुआ है। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 15 लोग नालों के उफान और मलबे के साथ बह गए। जबकि एक ही परिवार के आठ सदस्य मकान के मलबे में दब गए। उफान में बहे और मलबे में दबे लोगों में से दो महिलाओं, एक पुरुष और एक बच्ची का शव बरामद कर लिया गया, अन्य 19 अभी लापता हैं।

दिल्ली में यमुना खतरे के निशान के करीब

भारी बारिश से दिल्ली में यमुना नदी का पानी बढ़ रहा है। वह खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। अगले 36 घंटों में इस निशान को पार कर सकता है। हरियाणा में हथिनी कुंड बैराज से हर घंटे पानी छोड़ा जा रहा है। इसी बैराज से दिल्ली को पीने का पानी मिलता है। यहां से पानी 72 घंटे में दिल्ली पहुंच जाता है।

पंजाब में 81 गांव खाली करवाने के आदेश, तीन की मौत
पंजाब में शनिवार रात्रि तेज बरसात के बाद रविवार सुबह मौसम साफ होने पर लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि भाखड़ा बांध से पानी छोड़ने के कारण लुधियाना से फिरोजपुर तक सतलुज का जलस्तर बढ़ गया है। ऐसे में जालंधर के 81 गांव खाली करवाने के आदेश जारी किए गए हैं। लुधियाना के खन्ना में मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई। बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ली नदियों का जलस्तर बढ़ने पर रिपोर्ट रिपोर्ट लेकर जरूरी निर्देश दिए हैं।

झारखंड में उफनाई नदियां, सिमडेगा में पुल बहा
अब तक अच्छी बारिश को तरस रहे झारखंड में रविवार को जमकर बरसात हुई। प. सिंहभूम के चक्रधरपुर में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं। फंसे 59 लोगों को एनडीआरएफ और सीआरपीएफ की टीम ने सुरक्षित निकाला है। यहां कोयल व कोयना नदी उफान पर है।बारिश के कारण रांची-चाईबासा एनएच पर वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है।

सिंहभूम में करोड़ों की लागत से बहा पुल ताश के पत्तों की तरह ढह गया। पुल महज आठ साल पुराना था। चतरा में पिछले 18 घंटे से लगातार हो रही बरसात से दर्जनों कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नदियों में बाढ़ आने की वजह से दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। साहिबगंज में गंगा खतरे के निशान के करीब आती जा रही है, प्रशासन अलर्ट है। रविवार को राज्य में रांची में सबसे ज्यादा 63.2 एमएम बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भी कुछ इलाकों में मध्य और तेज दर्जे की बारिश हो सकती है। 

Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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