मुंबई। एक तरफ भाजपा में विरोधी दलों के नेताओं के प्रवेश की धूम है, तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस गुरुवार से महाजनादेश यात्रा पर निकल रहे हैं। 24 दिन की इस यात्रा में वह अपने पांच साल के कामकाज का हिसाब देंगे। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले ही फड़नवीस अपने चुनाव प्रचार अभियान का पहला चरण पूरा कर लेंगे।
गुरुवार को विदर्भ के अमरावती जिले से शुरू हो रही मुख्यमंत्री की महाजनादेश यात्रा दो चरणों में समाप्त होगी। पहला चरण एक अगस्त से नौ अगस्त तक चलेगा, दूसरा 17 अगस्त से 31 अगस्त तक। दोनों चरणों में यह यात्रा राज्य के 32 जिलों से होकर गुजरेगी और फड़नवीस कुल 4,384 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। इस दौरान वह 87 बड़ी सभाओं को संबोधित करेंगे और उनके स्वागत में 57 सभाएं होंगी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के अनुसार, यात्रा के समापन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने का विचार किया जा रहा है। यात्रा की शुरुआत राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज के जन्मस्थान से होगी और श्रीराम व सिंहस्थ कुंभ से संबंध रखने वाले नगर नासिक में समाप्त होगी।
माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान भी जिले-जिले में कई विपक्षी दलों के नेता देवेंद्र फड़नवीस की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जिसकी शुरुआत बुधवार को मुंबई से हो चुकी है। जहां राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के तीन और कांग्रेस का एक विधायक अपनी-अपनी पार्टियां छोड़ मुख्यमंत्री की उपस्थिति में भाजपा में आ चुके हैं। आज भाजपा में प्रवेश किए राकांपा के दो दिग्गज नेता शरद पवार के भरोसेमंद एवं राकांपा के संस्थापक सदस्य रहे हैं।
नई मुंबई के नेता गणेश नाईक और अहमदनगर के नेता मधुकर राव पिचड़, दोनों ही राकांपा की स्थापना के समय से ही उससे जुड़े रहे हैं। पिचड़ तो राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ये दोनों अपने विधायक पुत्रों के साथ भाजपा में आ गए हैं। इनके अलावा सातारा से शिवेंद्र राजे भोसले और मुंबई से कांग्रेस विधायक रहे कालीदास कोलंबरकर ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
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Editor- Majid Siddique