नई दिल्ली। लोकसभा में पास कराने के बाद सरकार ने तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) को राज्यसभा में पेश किया है। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल को पेश किया। राज्यसभा में बिल पर चार घंटे तक चर्चा होगी। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किय है। वहीं बीजेडी ने तीन तलाक बिल को समर्थन देने की बात कही है।
जेडीयू ने राज्यसभा में बिल का विरोध किया
जेडीयू ने राज्यसभा में बिल का विरोध किया। जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि यह सवाल महिला सशक्तिकरण का है लेकिन इसपर बड़े पैमाने पर बड़े स्तर पर जागरूकता की जरूरत है।उन्होंने कहा कि हर पार्टी की एक विचारधारा है और उसके पालन के लिए वह स्वतंत्र है।
कांग्रेस को 42 मिनट का समय
तीन तलाक पर कांग्रेस को अपना पक्ष रखने के लिए 42 मिनट का समय मिला है। बिल के विरोध में गुजरात से कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने बोलते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा हुआ है। आपने इसे क्रिमिनल ज्यूरिस्प्युडेंस में डाल दिया। आपने मैजिस्ट्रेट के कोर्ट में महिला को ढ़केल दिया। आपने फैमिली के लिए अब उसे मैजिस्ट्रेट कोर्ट में जाने पर मजबूर कर दिया। ये किसी एक समुदाय का मुद्दा नहीं है। ये हर समुदाय का मामला है और सिर्फ भारतीय नहीं बल्कि एनआरआई शादियों में भी होता है। यह सिर्फ एक समुदाय की बात नहीं है
'नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल'
तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पेश करने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों को बिल में कुछ खामियां लगी, उन्हें लगा इसका दुरुपयोग हो सकता है तो हमने इसमें बदलाव किए। अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है। इस सवाल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है। एक तरफ हमारी बेटियां गोल्ड ला रही हैं, फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। चांद पर चंद्रयान भेजने वाली वैज्ञानिक बन रही हैं, वहीं हम उनसे उनकी आजादी एक परंपरा के नाम पर छीन रहे हैं
Union Minister Ravi Shankar Prasad on introducing Triple Talaq bill in Rajya Sabha: This is a matter of gender justice, dignity and equality. https://twitter.com/ANI/status/1156090623214194688 …
ANI✔@ANIUnion Minister Ravi Shankar Prasad tables Triple Talaq bill in Rajya Sabha.
क्या है बिल में प्रावधान
इस बिल में तत्काल तीन तलाक को अपराध माना गया है और ऐसा करने वाले मुस्लिम पुरुषों को सजा देने का प्रावधान किया गया है। कई विपक्षी दल इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि यह बिल लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है।
- तुरंत तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी बनाना।
- तुरंत तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ़्तार कर सकती है।
- तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है।
- जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा।
- पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है।
- पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है।
खास बात यह है कि निचले सदन के विपरीत सत्तारूढ़ गठबंधन को राज्यसभा में इसे पारित कराने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी, क्योंकि यहां पर उसे बहुमत प्राप्त नहीं है। भाजपा के लिए मुश्किल यही खत्म नहीं होती है। जदयू जैसे राजग के कुछ सहयोगी दलों ने भी इस बिल पर अपनी आपत्ति जताई है।
बहरहाल, भाजपा के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं है, लेकिन उसने बीजू जनता दल, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन से पिछले सप्ताह आरटीआई विधेयक राज्यसभा में पारित कराया था। तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास कराने को लेकर भी भाजपा को इन दलों से समर्थन की फिर से उम्मीद है।
Hind Brigade
Editor- Majid Siddique