नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढा समिति के सुधारों को लागू करने की दिशा में सीओए ने गुरुवार को निर्देश दिया कि अब बीसीसीआइ सचिव नहीं बल्कि चयन समिति का अध्यक्ष चयन संबंधी बैठकों का समंवयक होगा। विदेशी दौरों के लिए बैठक प्रशासनिक प्रबंधक बुलाएंगे। निर्देश में साफ तौर पर कहा गया कि अब से सचिव किसी चयन बैठक में भाग नहीं लेगा और ना ही उसकी सहमति की जरूरत टीम में विकल्प को मंजूरी देने के लिए रहेगी।
पुराने संविधान के तहत चयन समिति सचिव के कार्यक्षेत्र में आती थी लेकिन इस फैसले के बाद सचिव के अधिकार सीमित रह जाएंगे। सीओए ने कहा कि प्रशासकों की समिति को बताया गया है कि बीसीसीआइ का नया संविधान लागू होने के बावजूद चयन समिति की बैठकें माननीय सचिव ही बुला रहे थे। इसमें कहा गया कि यह भी पता चला कि टीम में किसी बदलाव के लिए चयन समिति माननीय सचिव की मंजूरी लेती रही है। बीसीसीआइ का कामकाज सुप्रीम कोर्ट के आदेश और बीसीसीआइ के नए संविधान के अनुसार चलाने के लिए ये निर्देश जारी करना जरूरी था।
यह हुए बदलाव
1. विदेशी दौरों के अलावा चयन समिति का अध्यक्ष ही चयन समिति की बैठक बुलाएगा जिसमें पुरुष चयन समिति, जूनियर चयन समिति और महिला चयन समिति शामिल हैं। विदेशी दौरों के लिए प्रशासनिक प्रबंधन बैठक बुलाएगा। कोई भी पदाधिकारी या सीईओ किसी क्रिकेट समिति की बैठक में भाग नहीं लेगा।
2. संबंधित चयन समितियों या प्रशासनिक प्रबंधन को बैठक का विस्तार से ब्यौरा तैयार करना होगा। टीम चयन या बदलाव की घोषणा के बाद अध्यक्ष को अपने हस्ताक्षर के साथ सचिव को यह ब्यौरा देना होगा।
3. चयन समिति को किसी चयन या बदलाव या विकल्प के लिए सचिव या सीईओ से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है।
4. सीईओ चयनकर्ताओं के मैच देखने के लिए यात्रा और अन्य चीजों का इंतजाम करेगा। इस संबंध में ईमेल सीईओ को भेजे जाएं।
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Editor- Majid Siddique