बेंगलुरु। Karnataka political Crisis कर्नाटक में एक पखवाड़े से चल रहा सियासी नाटक कल विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर बहस के साथ चरम पर पहुंच गया। विधानसभा के अंदर और बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखे आरोप-प्रत्यारोप और हंगामे के कारण शक्ति परीक्षण पर मतदान टालना पड़ा। विरोधस्वरूप भाजपा विधायक रातभर सदन में धरने पर बैठे रहे। राज्यपाल वजूभाई वाला ने अब एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए आज यानी शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक का समय दिया है। अब नजरें विधानसभा अध्यक्ष पर हैं कि वह आज भी शक्ति परीक्षण कराते हैं या नहीं।
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09.30AM: उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि भाजपा विधायक पूरी रात धरने पर थे। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके लिए भोजन और अन्य चीजों का इंतजाम करें। कुछ लोगों को डायबीटीज और ब्लड प्रेशर की समस्य है, इसलिए हमने सारी चीजों का इंतजाम किया है। राजनेता के अलावा हम मित्र भी हैं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।
09.20AM: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने भाजपा विधायक सुरेश कुमार के साथ विधानसभा परिसर में नाश्ता किया।
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कुमारस्वामी के मामले में भाजपा
इससे पहले गुरुवार सुबह लंबी जद्दोजहद के बाद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में एक पंक्ति का विश्वास प्रस्ताव ‘यह सदन 14 माह पुरानी मेरी सरकार में विश्वास प्रकट करता है’ पेश किया। इसके बाद उन्होंने अपना भाषण शुरू किया और विपक्षी भाजपा को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, चूंकि बागी विधायकों ने साझा सरकार को लेकर देशभर में शंकाएं प्रकट की हैं इसलिए सच्चाई पेश करना जरूरी है। पूरा देश कर्नाटक के इस घटनाक्रम को देख रहा है।
कुमारस्वामी बोले, जल्दी में हैं येद्दयुरप्पा
कुमारस्वामी के भाषण के बीच ही विपक्ष के नेता बीएस येद्दयुरप्पा खड़े हुए और स्पीकर से कहा कि विश्वास मत की प्रक्रिया एक दिन में ही पूरी होनी चाहिए। इस पर कुमारस्वामी ने तंज किया, ‘विपक्ष के नेता जल्दी में दिखाई देते हैं।’ वहीं, येद्दयुरप्पा ने कहा कि कुमारस्वामी सरकार विश्वास खो चुकी है।
20 विधायक रहे गैरहाजिर
शुक्रवार को गठबंधन के 15 बागी विधायक, समर्थक दल बसपा का एक विधायक और दोनों निर्दलीय विधायकों समेत 20 विधायक सदन से अनुपस्थित रहे। हालांकि कांग्रेस को उस वक्त आंशिक राहत मिली जब 15 बागियों के इस्तीफों से पहले ही पार्टी छोड़ चुके विधायक रामलिंगा रेड्डी उसके खेमे में लौट आए।
कांग्रेस का एक विधायक बीमार
कांग्रेस को एक झटका तब लगा जब उसके विधायक श्रीमंत पाटिल सदन में दिखाई नहीं दिए। कांग्रेस ने पाटिल के अपहरण का आरोप लगाया। बाद में पता चला कि सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें मुंबई में भर्ती कराया गया है। उन्होंने वीडियो संदेश में अपहरण की बात को गलत बताया। बसपा विधायक महेश भी सदन में नहीं पहुंचे।
बिना व्हिप अधिकार कैसे हो बहुमत परीक्षण: कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया है कि कर्नाटक में बहुमत परीक्षण कैसे कराया जा सकता है जबकि राजनीतिक पार्टी के व्हिप जारी करने के अधिकार को अदालत के आदेश से निष्प्रभावी कर दिया गया है। सुरजेवाला ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश से जितने जवाब नहीं मिले हैं उससे ज्यादा सवाल खड़े हो गए हैं। इसके अलावा फैसले को लागू करने को लेकर भी कई चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि शक्ति विभाजन का सिद्धांत न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को न सिर्फ अलग करता है, बल्कि एक दूसरे के कामकाज में हस्तक्षेप को भी प्रतिबंधित करता है।
राज्यपाल ने कहा था पहले ही दिन कराएं वोटिंग
सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार के इरादे भांपकर भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वजुभाईवाला से मुलाकात कर मांग की थी कि वह स्पीकर रमेश कुमार को गुरुवार को ही वोटिंग कराने का निर्देश दें। स्पीकर ने बताया कि उन्हें राज्यपाल ने मतदान गुरुवार को ही कराने की सलाह दी है। हालांकि देर शाम तक बहस चलने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दिन में भाजपा नेताओं ने आशंका प्रकट की थी कि कुमारस्वामी सरकार अंतिम समय की जोड़तोड़ जारी रखने के लिए बहस को लंबा खींच सकती है। यही बात उन्होंने राज्यपाल से भी कही थी।
Hind Brigade
Editor- Majid Siddique