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कहीं ट्रेन से पहुंचाया पीने का पानी तो कहीं बाढ़ से लाखों लोग परेशान

नई दिल्ली। मानसून पूरे देश पर छा गया है, लेकिन कहीं बहुत ज्यादा बारिश हो रही है तो कहीं इंद्र देवता ने ब्रेक ले लिया है। शुक्रवार को यही स्थिति देखने को मिली जब कुछ महीनों से गंभीर पानी के संकट से जूझ रहे चेन्नई को राहत पहुंचाने के लिए 25 लाख लीटर पानी लेकर एक ट्रेन यहां पहुंची। वहीं असम और बिहार में बाढ़ से लाखों लोग परेशान हैं।

बिहार और पूर्वोत्तर में बाढ़ और बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है। उत्तर बिहार में लगातार पांचवें दिन शुक्रवार को भी भारी बारिश हुई। नदियों में उफान से निचले इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है। बारिश के दौरान घर गिरने और पानी भरे गड्ढे में डूबने से सात लोगों की मौत हो गई। पूर्वोत्तर में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और मकान ढहने की घटनाओं में कम से कम 10 लोगों की जान चली गई। असम में बाढ़ से 8.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उप्र में नौ दिनों में वर्षाजन्य हादसों में 14 लोगों की मौत हुई है।

 
    • बिहार में सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर और रक्सौल-बैरगनिया रेलखंड पर ट्रैक धंसने से ट्रेनों का परिचालन बाधित है।
    • नेपाल के पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश के चलते भारत के तराई इलाकों की तरफ आने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इसमें उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिले प्रभावित हो रहे हैं।
    • पूर्वोत्तर में असम में भारी बारिश के बाद हुए हादसों में छह लोगों की मौत हो गई।
    • अरुणाचल प्रदेश व मिजोरम में दो-दो लोगों की मौत हुई।
    • असम में 33 जिलों में से 21 में ब्रह्मपुत्र व उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। इससे 8.7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बक्सा जिले में सेना को बुलाना पड़ा। 41 राजस्व सर्कलों के 800 गांव पानी में डूबे हैं। दो हजार लोगों को 53 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। काजीरंगा नेशनल पार्क में भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है।
  • मिजोरम में भी भारी बारिश से 390 घरों में बाढ़ का पानी घुस गया।
  • अरुणाचल प्रदेश में तवांग जिले में एक सरकारी स्कूल के हॉस्टल की दीवार ढह जाने से दो छात्र जिंदा दफन हो गए। राजधानी ईटानगर में भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। सड़कें जाम हो गईं।


Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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