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कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा, राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित

नई दिल्ली। कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक हंगामे का असर राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही में भी देखने को मिला। कांग्रेस ने कर्नाटक में चल रही वर्तमान स्थिति पर हंगामा करते हुए सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने कांग्रेस और जेडीएस के बीच विद्रोह भड़काया है।  हंगामे के बाद फिलहाल राज्यसभा को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अब हंगामे के बाद राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। 

गौरतलब है कि कर्नाटक में राजनीतिक स्थिति पर लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और के सुरेश ने सुबह लोकसभा से स्थगन प्रस्ताव नोटिस (adjournment motion notice) दिया था। इसके बाद कांग्रेस सांसद बीके हरिप्रसाद ने भी कर्नाटक में वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर नियम 267 के तहत राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। 

वहीं दूसरी ओर वाईएसआरसीपी (YSRCP) के सांसद विजया साई रेड्डी ने राज्यसभा में पाकिस्तान द्वारा पकड़े गए आंध्र प्रदेश के मछुआरों की रिहाई में देरी को लेकर शून्यकाल नोटिस जारी किया है। साथ ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों मानस भूनिया और डोला सेन को राज्यसभा में नियम 267 के तहत "42 पीएसयू को निष्क्रिय करने के लिए केंद्र के प्रस्ताव" पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया।  

Parliament session updates

- लोकसभा में नित्यानंद राय ने कहा कि बॉर्डर पर घुसपैठ की घटनाओं में 43% की कमी आई है। भारत-पाक सीमा के साथ नियंत्रण रेखा पर विद्युत बाड़ लगाना घुसपैठ के खिलाफएक शक्तिशाली उपकरण साबित हुआ है।

-लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कर्नाटक में जो हो रहा है वह कांग्रेस का अपने घर का मामला है पर यह अपने घर को संभाल नहीं पा रहे हैं। बल्कि यह संसद के निचले सदन को डिस्टर्ब  कर रहे हैं।

-कर्नाटक में राजनीतिक हालात के विरोध में लोकसभा में कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया।

-बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने लोकसभा में मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि क्या सरकार इस संबंध में एक कानून लाने की योजना बना रही है?"

- कांग्रेस द्वारा कर्नाटक की राजनीतिक स्थिति पर सुनवाई के लिए हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

-लोकसभा में प्रश्नकाल चल रहा है एमओएस रसायन और उर्वरक, मनसुख एल मंडाविया ब्रांडेड और जेनेरिक दवाओं पर सवाल उठाया हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार को लोकसभा में संदिग्ध व्यक्ति को आतंकी घोषित करने के लिए अवैध गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) में संशोधन का विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। साथ ही सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को साइबर और मानव तस्करी के साथ-साथ विदेश में भारतीय या भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने के लिए किए गए आतंकी हमलों की जांच का अधिकार देने संबंधी विधेयक भी लोकसभा में पेश किया।

गौरतलब है कि एनआइए का गठन आतंकी और नक्सली हमलों की जांच के लिए हुआ था। सोमवार को सरकार की ओर कुल आठ संशोधन विधेयक एक साथ लोकसभा में पेश किए गए।यूएपीए संशोधन विधेयक में एनआइए को संगठन के अलावा किसी संदिग्ध व्यक्ति को भी आतंकवादी घोषित करने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। विपक्ष की ओर से इसके दुरुपयोग की आशंकाओं को खारिज करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए बनाए जा रहे कानून पर पूरी एकजुटता दिखनी चाहिए और इसका विरोध करना सही नहीं होगा। 

उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी आपत्तियां वापस ले लेनी चाहिए क्योंकि लोकसभा के रिकॉर्ड में इन आपत्तियों का दर्ज होना अच्छा नहीं लगता। हालांकि विपक्षी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इसे वापस नहीं लिया।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षव‌र्द्धन ने डीएनए टेक्नोलॉजी से संबंधित संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक पिछली लोकसभा में इसी साल जनवरी में पास हो चुका था, लेकिन राज्यसभा से पास नहीं हो पाने के कारण निष्प्रभावी हो गया था। पिछली लोकसभा से पारित, लेकिन बाद में निष्प्रभावी हो गए उपभोक्ता संरक्षण संशोधन विधेयक को भी फिर से लोकसभा में पेश किया गया।

उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी आपत्तियां वापस ले लेनी चाहिए क्योंकि लोकसभा के रिकॉर्ड में इन आपत्तियों का दर्ज होना अच्छा नहीं लगता। हालांकि विपक्षी सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने इसे वापस नहीं लिया।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षव‌र्द्धन ने डीएनए टेक्नोलॉजी से संबंधित संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक पिछली लोकसभा में इसी साल जनवरी में पास हो चुका था, लेकिन राज्यसभा से पास नहीं हो पाने के कारण निष्प्रभावी हो गया था। पिछली लोकसभा से पारित, लेकिन बाद में निष्प्रभावी हो गए उपभोक्ता संरक्षण संशोधन विधेयक को भी फिर से लोकसभा में पेश किया गया।

दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक पारितदंत चिकित्सा परिषदों में विभिन्न स्तरों पर योग्यता नहीं रखने वाले दंत चिकित्सकों के लिए अनिवार्य प्रतिनिधित्व की बाध्यता को खत्म करने वाले दंत चिकित्सक (संशोधन) विधेयक को राज्यसभा ने सोमवार को पारित कर दिया। लोकसभा ने इसे पिछले ही हफ्ते पारित कर दिया था। 

Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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