डिजिटल स्पोर्ट्स जुआ भारतीयों के बीच एक बड़ी लत बन गया है और भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने और नष्ट करने का सबसे बड़ा सूत्रों बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने 15000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि बर्बाद कर दी है, जो भारत के लिए बहुत बड़ी आर्थिक क्षति है। हमारा देश पहले से ही काले धन और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ संघर्ष कर रहा है, इसलिए डिजिटल स्पोर्ट्स जुए को रोकना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। जिन बड़े नामों ने अवैध सट्टेबाजी के पोर्टल को चालू किया है और इस अवैध कारोबार को संचालित कर रहे हैं, उनमें से चंदर, शंकर जलंदर, हमंत सूद के रूप में जाना जाता है। ये 3 मुख्य व्यक्ति हैं जिन्होंने विभिन्न सॉफ्टवेयर और डिजिटल जुआ के माध्यम से भारत को बर्बाद कर दिया है और अवैध जुआ पोर्टल चला रहे हैं। सूत्र के माने तो वे आगे देश के साथ धोखा देने में लगे हुए हैं जैसे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के कनेक्शन जैसे नोमान, दिलीप, जावेद छोटानी के माध्यम से क्रिकेट में सट्टा लगाना। यह लोग लंदन और रूस में माफिया कनेक्शन के माध्यम से फुटबॉल और टेनिस मैच भी ठीक उसी प्रकार से सट्टा बाजार का इस काला धंधा को ऑपरेट करते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार डिजिटल जुआ के एक और बड़े खिलाड़ी श्री लाल चंद, जो मूल रूप से एक पाकिस्तानी निवासी हैं, लेकिन कुछ वर्षों से यूरोप में रह कर काला धंधा चला रहा हैं। लाल चंद ने हाल ही में वेल इंडस्ट्री में प्रवेश किया है, उन्होंने हाल ही में दुबई में एलसी वेल लॉन्च किया है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि लाल चंद ने एबी ग्रुप नाम के एक अन्य दिग्गज को अपना स्पोर्ट्स जुआ पोर्टल कारोबार बेच दिया है जो जूनियर कलकत्ता [सुरेन बागड़ी] द्वारा संचालित है।
जेके अहमदाबाद, करण मुनीर और गिरीश, ये चारों AB ग्रुप में भागीदार हैं और अब AB समूह डिजिटल जुए में बेहद सक्रिय है। श्री लाल चंद ने जुए के कारोबार से पूरी तरह से बाहर निकल गया है। इसके अलावा, कई अन्य गैर कानूनी जुआ वेबसाइटों को संचालित किया जा रहा है जैसे सोदी का गेमएक्स, हैरी का स्काई एक्सचेंज, राकेश राजकोट का डायमंड एक्सचेंज आदि। ये सभी भारत और इसकी अर्थव्यवस्था को सामूहिक रूप से बर्बाद कर रहे हैं। सरकारी अधिकारी और साइबर क्राइम जल्द से जल्द इन सब पर सख्त कार्रवाई कर देश और अर्थव्यवस्था को बर्बाद होने से रोके और बिना किसी देरी के इन जुआ पोर्टलों को ब्लॉक कर देना चाहिए।
Hind brigade news
Editor - Majid Siddique
Image Courtesy by Google