बिना आधार कार्ड बोर्ड परीक्षा नहीं दे सकेंगे विद्यार्थी
उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा को लेकर अहम बैठक, स्कूल प्रबंधन को दिए दिशा निर्देश
लखनऊ। प्रवेश पत्र, पंजीकरण पत्र व आधार कार्ड के बिना यूपी बोर्ड के छात्र-छात्रएं परीक्षा नहीं दे सकेंगे। परीक्षा में शामिल होने के लिए छात्रों को तीनों की मूल प्रति साथ लाना होगा, तभी उन्हें केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। शनिवार को केंद्र अध्यक्षों के साथ हुई बैठक में शिक्षाधिकारियों ने कुछ ऐसे ही दिशा निर्देश दिए। यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए केंद्र बनाए गए विद्यालयों के प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों व केंद्र अध्यक्षों की शिक्षाधिकारियों के साथ जुबली इंटर कॉलेज में बैठक हुई। बैठक में संयुक्त निदेशक सुरेंद्र तिवारी व डीआइओएस मुकेश कुमार ने बोर्ड परीक्षा के संबंध में कई बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिए।
अधिकारियों ने कहा कि जिन छात्र छात्राओं ने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है वह परीक्षा के दौरान इस समस्या से बचने के लिए हर हाल में आधार बनवा लें। परीक्षा केंद्र के प्रत्येक कक्ष में सीसीटीवी कैमरे संचालित स्थिति में होने आवश्यक हैं। प्रश्न पत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं की सुरक्षा एवं रखरखाव हेतु स्ट्रांग रूम एवं स्टील अलमारी की व्यवस्था सुनिश्चित हो। परीक्षा केंद्र पर आग बुझाने के उपकरण, पानी की बाल्टियां, रेत आदि की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो। उपयोग में आने वाली उत्तर पुस्तिकाओं पर विद्यालय की मुहर अवश्य लगाई जाएं। किसी भी दशा में जरूरत से अधिक उत्तर पुस्तिकाओं पर मुहर न लगाई जाएं, जिससे उनका दुरुपयोग न हो सके। परीक्षा केंद्र पर जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित हो। परीक्षा अवधि में परीक्षा व्यवस्था से जुड़े व्यक्तियों के अतिरिक्त किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित रहेगा।
परीक्षा के दौरान कक्ष में दो निरीक्षकों की व्यवस्था लागू रहेगी। जिन केंद्रों पर छात्राएं आवंटित हैं, वहां महिला कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था हो। परीक्षाओं के औचक निरीक्षण हेतु गठित आंतरिक सचल दल में महिला निरीक्षणकर्ता की अनिवार्य व्यवस्था की जाएं। किसी भी दशा में निरीक्षण दल के पुरुष सदस्य द्वारा छात्रओं की तलाशी न ली जाए। परीक्षा केंद्र चहारदीवारी में हो, जहां पर टूटी बाउंड्रीवॉल हो तो उसे परीक्षा से पूर्व दुरुस्त करा लिया जाए। परीक्षा केंद्र पर फर्नीचर की व्यवस्था ठीक हो। प्रत्येक बेंच पर दो से अधिक परीक्षार्थियों को न बैठाया जाए। छोटे बच्चों के फर्नीचर परीक्षा कक्ष में न लगाए जाए। पहली बार बने परीक्षा केंद्रों पर अनुभवी एवं वरिष्ठ शिक्षकों को ही पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा। तंबू-कनात लगाकर व खुले में परीक्षाएं नहीं कराई जाएंगी।
दिव्यांग परीक्षार्थियों को निर्धारित अवधि से अतिरिक्त समय दिया जाए। उनकी परीक्षा स्वकेंद्र पर ही कराएं। किन्हीं कारणों से किसी छात्र को स्वकेंद्र आवंटित होने की दशा में केंद्र व्यवस्थापक अपने स्तर से उनको आवंटित परीक्षा केंद्र पर भेजते हुए डीआइओएस कार्यालय को सूचित करेंगे और अपने केंद्र पर परीक्षा नहीं कराएंगे। परीक्षा केंद्र का रूट चार्ट उपलब्ध कराया जाए। परीक्षार्थियों के वाहन समुचित स्थान पर खड़े कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए।