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फिर डूब गया वसई-विरार, नालासोपारा

मुंबई: वसई-विरार इलाका बुधवार को फिर पानी में डूब गया। इस सीजन में तीसरी बार यहां सामान्य जीवन अस्त व्यस्त हो गया। जुलाई और अगस्त की बारिश की तुलना में बुधवार को हालात सबसे ज्यादा खराब थे।

नालासोपारा में मंगलवार दोपहर से ही पानी भरना शुरू हो गया था, लेकिन वसई का एवरशाइन सिटी रात 2 बजे से डूबने लगा था। ऑटो वालों ने सुबह की पहली ट्रेन के लिए यात्रियों को ले जाने से मना कर दिया। बाद में हालत इतने बदतर हो गई कि तमाम लोग पैदल ही स्टेशन से चलकर अपने-अपने गंतव्य तक गए। दरअसल, दोपहर से वसई-विरार के बीच लोकन ट्रेनें नहीं चलीं या बहुत ज्यादा अंतराल पर चलीं। इस वजह से सैकड़ों लोग ट्रैक पर भी चलते देखे गए। रेल परिसर के बाहर दोपहर और शाम को ट्रकों पर बैठकर भी लोग अपने-अपने गंतव्य तक जाते देखे गए। जिस वसंत नगरी में शायद ही कभी पानी भरता हो, इस सीजन में वह भी दूसरी बार बारिश से डूब गया। नालासोपारा के अचोले में दुकानों में पानी भर गया। वसई पश्चिम में भी जगह-जगह पानी भरा।

भारी बारिश की वजह से बिल्डिंगों में बिजली के मीटर बोर्ड तक जब पानी पहुंचने लगा, तो एमएसइबी ने पूरे इलाके की सुबह से ही लाइट बंद कर दी। कई इलाकों में लाइट देर रात भी नहीं आई। इस वजह से हाउसिंग सोसाइटी में नगरपालिका का पानी ही ऊपर टाकी में नहीं चढ़ाया जा सका। परिणामस्वरूप पीने के पानी की भी किल्लत हो गई।

पिछले साल भी वसई-विरार इलाका जुलाई में पूरी तरह डूब गया था। उस वक्त यहां बारिश के पानी की निकासी को लेकर सरकार व महानगर पालिका के अधिकारियों द्वारा तमाम वादे किए गए थे। लेकिन इस बार फिर उनके तमाम वादों और दावों की पोल खुल गई। तमाम लोगों की शिकायत है कि पिछले साल की बारिश से कुछ भी सबक नहीं सीखा गया। पानी निकासी को लेकर इस साल भी कुछ नहीं किया गया। हर साल बारिश से पहले नालियों की सफाई होती है। कई लोगों का कहना है कि उन्होंने इस बार कहीं भी महानगर पालिका कर्मचारियों द्वारा नालियों की सफाई नहीं देखी।



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