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मेक इन इंडिया मुहिम के तहत, बेंगलुरु से मुंबई पहुंचा मेट्रो का डिब्बा

मुंबई : मेट्रो 2 और 7 कॉरिडोर पर दौड़ने वाला मेट्रो का पहला डिब्बा ( प्रोटो) मुंबई पहुंच गया है। मेक इन इंडिया मुहिम के तहत मेट्रो के इन दो कॉरिडोर के लिए बेंगलुरु में 500 डिब्बों का निर्माण हो रहा है। इस योजना का पहला डिब्बा सोमवार को मुंबई पहुंचा। मेट्रो 2 और 7 कॉरिडोर के के निर्माण का काम अंतिम चरण में है। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने वर्ष 2020 तक इस मार्ग से सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। इस मेट्रो के पहले डिब्बे को एमएमआरडीए ग्राउंड में रखा जाएगा। डिब्बे के मुंबई पहुंचने पर एमएमआरडीए कर्मियों द्वारा इसकी पूजा की गई, इस दौरान एमएमआरडीए आयुक्त आर.ए. राजीव भी मौजूद थे। एमएमआरडीए ने मेट्रो 2 अ , मेट्रो ब और मेट्रो 7 के लिए 378 डिब्बों के निर्माण का जिम्मा बीईएमएल कंपनी को सौंपा है। इसके लिए एमएमआरडीए ने कंपनी के साथ 3015 करोड़ रुपये का करार किया है। 6 डिब्बों की नई 63 मेट्रो ट्रेनों को इस रूट पर चलाने की योजना है। मेट्रो की अन्य परियोजना के लिए कंपनी को 21 ट्रेनों और मेट्रो ट्रेन का ठेका कंपनी को दिया गया है। 21 ट्रेनों में कुल 126 डिब्बों होंगे। जुलाई 2020 में एमएमआरडीए को पहली छह डिब्बों की गाड़ी मिल जाएगी। अत्याधुनिक सुविधा वाले छह डिब्बों की मेट्रो में एक साथ 2092 यात्री सफर कर सकते हैं, जबकि मौजूदा समय में घाटकोपर से वर्सोवा के बीच चल रही चार डिब्बों की मेट्रो में 1500 यात्री सफर करते हैं। एमएमआरडीए के अनुसार, सभी डिब्बों में चालक और यात्री के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए विशेष यंत्र लगाए जाएंगे। मेट्रो के यह नए रैक पूरी तरह स्वचालित होंगे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए सभी डिब्बों में सीसीटीवी की भी व्यवस्था की गई है। डिब्बों के निर्माण में 3.20 मीटर चौडे स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुंबई समेत आसपास के परिसर में मेट्रो की विभिन्न परियोजनाओं का काम चला रहा है। सरकार ने वर्ष 2026 तक मेट्रो की सभी परियोजनाओं का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 



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