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TikTok और Helo को आज देना है सुप्रीम कोर्ट में जवाब, एंटी-नेशनल एक्टिविटीज का है आरोप

नई दिल्‍ली। TikTok and Helo Apps Case : टिक टॉक और हेलो कंपनी को आज सुप्रीम कोर्ट में 24 सवालों का जवाब देना होगा। हालांकि,

सरकार की तरफ से बढ़ रहे दबाव के बाद अंतत: टिकटॉक और हेलो नाम से सोशल मीडिया प्लेटफार्म चलाने वाली कंपनी बाइटडांस ने भारत में डाटा सेंटर बनाने की संभावनाएं तलाशने को राजी हो गई है। बताया जा रहा है कि इस कदम के बाद कंपनी अपने भारतीय यूजर्स का डाटा इसी सेंटर में रखेगी। भारत सरकार ने कंपनी के सामने डाटा की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए थे। सरकार ने हाल ही में कंपनी को एक नोटिस देकर 22 जुलाई तक जवाब देने को कहा था।

दरअसल, पिछले दिनों टिकटॉक और हेलो को लेकर काफी विवाद रहा। इन दोनों ही प्लेटफार्म पर भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल को लेकर आरोप लगे। इसके बाद सरकार ने टिकटॉक और हेलो दोनों को ही नोटिस भेजकर उनसे सफाई मांगी थी। सरकार की तरफ से भेजे गये नोटिस में दोनों से ही 24 सवाल पूछे गये। केंद्र सरकार ने कंपनी को चेतावनी दी थी कि यदि 22 जुलाई तक नोटिस का जवाब नहीं मिला, तो टिकटॉक और हेलो दोनो पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

जागरण के सवाल पर टिकटॉक का जवाब

दैनिक जागरण को भेजे अपने बयान में बाइटडांस ने कहा है कि सरकार की तरफ से नये डाटा प्रोटेक्शन कानून के प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए कंपनी भारत में डाटा सेंटर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। उन्‍होंने कहा, 'हम अपने भारतीय यूजर्स को भारत के ही भीतर सुरक्षित, सुदृढ़ और भरोसेमंद सेवा देने के विकल्प तलाशने की प्रक्रिया में हैं।' कंपनी ने कहा है कि जब से उसने भारत में अपने प्लेटफार्म की सेवाएं शुरू की हैं वह भारतीय यूजर्स के डेटा को अमेरिका और सिंगापुर में रखती है। इन दोनों स्थानों पर डेटा सेंटर का संचालन अन्य कंपनियों द्वारा किया जाता है। कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि भारत उसके मजबूत बाजारों में से एक है। 'हमारा मानना है कि अब समय आ गया है कि जब हम डिजिटल इंडिया के तहत 15 भारतीय भाषाओं का हिस्सा बनें।' कंपनी अब इस दिशा में आगे बढ़ते हुए सभी पक्षों के साथ बातचीत शुरू करेगी।

पूछे गए हैं, ये सवाल

बात दें कि, Tiktok ऐप शॉर्ट वीडियोज बनाकर पोस्ट करने के लिए बेहद मशहूर है। वहीं, Helo ऐप डेली स्टेटस अपडेट, वीडियो, ट्रेंड्स आदि के लिए मशहूर है। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने इन दोनों ऐप्स से इस आरोप का जवाब मांगा है कि ये प्लेटफॉर्म्स देश विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गए हैं। साथ ही यह भी आश्वासन देने को कहा है कि वर्तमान में किसी भी विदेशी सरकार और थर्ड पार्टी को भारतीय यूजर्स के डाटा को स्थानांतरित नहीं किया जा रहा है और न ही आने वाले समय में किया जाएगा। सरकार कहा कहना है कि अगर उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो इन दोनों ऐप्स को बैन कर दिया जाएगा। आपको बता दें कि इन ऐप्स को लेकर राष्ट्रिय स्वंयसेवक संघ ने शिकायत की है। RSS ने कहा है कि ये ऐप्स एंटी-नेशनल एक्टिविटीज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। IT मंत्रालय ने भी फर्जी खबरों की जांच के लिए की जा रही पहल और भारतीय कानूनों के तहत अनुपालन के लिए उठाए जा रहे कदमों पर इन कंपनियों की प्रतिक्रिया मांगी है। इसके अलावा मंत्रालय ने इन प्लेटफॉर्म्स को लेकर आयु के उल्लंघन के बारे में भी चिंता जताई है। जहां भारत में 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को बच्चा माना जाता है वहीं, ये ऐप्स 13 साल की आयु वाले बच्चों को अकाउंट बनाने की अनुमति देती हैं।

मद्रास हाईकोर्ट कर चुका है बैन की मांग

बता दें कि इससे पहले इसी साल अप्रैल में मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि सरकार टिकटॉक की डाउनलोडिंग पर रोक लगाए। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा था कि सरकार टिकटॉक के वीडियो को फेसबुक जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर होने पर भी रोक लगाए। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या वह ऐसा कोई कानून लाएगी जिससे बच्चों को साइबर क्राइम से बचाया जा सके और उन्हें दूर रखा जा सके।

Hind Brigade

Editor- Majid Siddique


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